चंडीगढ़: पंजाब के किसान हरियाणा के रास्ते से आज दिल्ली कूच कर सकते हैं. इसके चलते अंबाला व जींद में अतिरिक्त पुलिस तैनात कर दिया गया है. गुरुवार को पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश के सभी आला अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की और पुलिस बल को स्टैंड बाय पर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी आज गृह सचिव और डीजीपी से घटनाक्रम को लेकर अपडेट लिया. शुक्रवार को दिल्ली कूच पर अड़े आंदोलनरत किसानों को दिल्ली में धरने-प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है. इसे देखते हुए हरियाणा पुलिस ने दोनों बार्डर पर सख्ती बढ़ाते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है. गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने किसान नेताओं को अपील की कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के समक्ष अपनी बात रखें, ताकि कोई समाधान निकल सके. दिल्ली में किसानों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने के कारण हम उन्हें आगे नहीं जाने दे सकते.
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा पुलिस ने शंभू बार्डर पर धारा 163 के नोटिस चिपका दिए हैं. अंबाला के उपायुक्त द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि किसानों को दिल्ली पुलिस से अनुमति मिलने के बाद ही आगे बढ़ने की अनुमति मिल पाएगी. अंबाला में धारा 163 लागू होने के कारण पांच या इससे अधिक लोगों के इक्कठे होने पर रोक रहेगी. अंबाला पुलिस ने शंभू बार्डर से करीब 500 मीटर की दूरी पर फिर से पक्की बैरिकेडिंग शुरू कर दी है. किसान नेता दिल्ली में जंतर-मंतर या रामलीला मैदान पर धरना देना चाहते हैं.
चूंकि वर्तमान में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, ऐसे में किसानों के प्रदर्शन से शांति व्यवस्था भंग होने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते किसान संगठनों को दिल्ली पुलिस ने धरने-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है. नौ दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पानीपत में कार्यक्रम है, जिसमें वह बीमा सखी योजना का शुभारंभ करेंगे. पैदल मार्च की जिद पर अड़े किसानों के आगे बढ़ने की स्थिति में इस कार्यक्रम में खलल पड़ने की आशंका है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.
हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने गुरुवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारे लिए किसानों का दिल्ली कूच सबसे बड़ी चुनौती है. हम किसानों से अपील करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जो कमेटी बनाई हुई है, उसमें किसान प्रतिनिधि शामिल हों और अपनी बात रखें. कमेटी की रिपोर्ट पर ही आगे नीति बनेगी. किसानों को दिल्ली की ओर से धरने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है.
हिन्दुस्थान समाचार
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