भुज/अहमदाबाद: गुजरात के कच्छ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की फर्जी टीम बनाकर छापेमारी करने वाले गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए आरोपितों में भुज के एक पत्रकार, अहमदाबाद की एक महिला समेत 12 लोग शामिल हैं. इन आरोपितों ने एक ज्वैलर्स और उसके आवास आदि में छामेमारी की तथा 25 लाख रुपये से अधिक कीमत के गहने लेकर फरार हो गए थे.
कच्छ में फर्जी ईडी के मामले में पुलिस ने बताया कि बीते दो दिसंबर को पकड़े गए आरोपितों ने गांधीधाम में एक ज्वैलर्स की दुकान, मालिक और उसके भाइयों के आवास पर पहुंचे और खुद को ईडी का अधिकारी बताकर छापेमारी की. इस दौरान पीड़ित के घर में सोना, चांदी और नकदी की जांच की और उनकी जानकारी के बिना 25 लाख 25 हजार 225 रुपये के सोने के आभूषण लेकर फरार हो गए. गांधीधाम की ए डिवीजन पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस के अनुसार, आरोपित भरत मोरवाडिया ने अपने दोस्त देवायत खाचर को बताया कि पांच-छह साल पहले उक्त ज्वैलर्स के यहां आईटी रेड हुई थी और वहां बड़ी मात्रा में सोना, चांदी और नकदी मिली थी. ज्वैलर्स के पास 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति होने की जानकारी दी गई. इस बात की जानकारी आरोपित देवायत ने भुज के अपने दोस्त और पत्रकार अब्दुल सतार मंजोथी को दी. अब्दुल ने भुज में अपने दोस्तों हितेश ठक्कर और विनोद चुडास्मा से मुलाकात की और उक्त ज्वैलर्स की जानकारी देते हुए फर्जी ईडी की रेड डालने की बात कही.
घटना से कुछ दिन पूर्व देवायत खाचर, अब्दुल सतार मंजोथी, हितेश ठक्कर, विनोद चुडास्मा आदिपुर बस स्टेशन के सामने राजवाड़ी चाय होटल में शाम को मिले और फर्जी रेड करने की पूरी योजना बनाई. इसके बाद विनोद चुडासमा ने अहमदाबाद के आशीष मिश्रा से संपर्क किया और उसे रेड करने की साजिश में शामिल कर लिया.
पुलिस के मुताबिक आशीष ने चंद्रराज नायर के साथ अजय दुबे, अमित मेहता, निशा मेहता और विपिन शर्मा से मुलाकात की जो फर्जी ईडी अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे. शैलेन्द्र देसाई मंडल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) के कार्यालय अहमदाबाद में अनुवादक के रूप में काम कर रहे थे. योजना के तहत अजय, अमित और विपिन ने ईडी अधिकारियों की भूमिका के लिए सूट पहनने का फैसला किया और महिलाओं की तलाशी के लिए महिला निशा मेहता को रखा गया. अहमदाबाद के आरोपित दो अलग-अलग वाहनों में गांधीधाम आए जबकि अन्य आरोपित अन्य वाहनों में गांधीधाम बस स्टेशन के पास मिले. इसके बाद शिकायतकर्ता के रूप में ज्वैलर्स की दुकान पर गए और आरोपित शैलेन्द्र देसाई ने खुद को ईडी अधिकारी बताया और फर्जी ईडी अधिकारी अंकित तिवारी के नाम से नकली आईडी कार्ड दिखाया साथ ही जौहरी के घर झूठी रेड दिखाई. फिर उसने भाई के घर पर आगे जांच करने का नाटक किया, उसके घर गया और खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए तलाशी ली. आरोपितों ने शिकायतकर्ता के घर से सोने के गहने और नकदी अलग करने के बाद साथ ले गए.
पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक सागर बागमार के मार्गदर्शन में प्रोबेशन आईपीएस विकास यादव और पुलिस उपाधीक्षक मुकेश चौधरी के पर्वेक्षण में एलसीबी पीआई एनएन चुडासमा, पुलिस अधिकारी एमवी जाडेजा और पीआई एमडी चौधरी के नेतृत्व में एलसीबी स्टाफ ए डिवीजन गांधीधाम, ए डिवीजन की अलग-अलग टीमों ने घटना की जांच में तकनीक, मानव स्रोत और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फर्जी ईडी टीम और रेड के आरोपितों को भुज, अहमदाबाद और गांधीधाम से घटना में शामिल 13 आरोपितों में 12 को माल और वारदात में इस्तेमाल वाहनों के साथ गिरफ्तार कर लिया. आरोपितों से गहनता से पूछताछ करने पर फर्जी रेड करने की वारदात कबूल की.
इस मामले में पुलिस ने 7.80 लाख रुपये सोने का 100 ग्राम वजन का बिस्किट, सोने का लेडीज ब्रेसलेट कीमत 14 लाख 47 हजार रुपये, ईडी का फर्जी आईडी कार्ड, 2.25 लाख कीमत के 13 मोबाइल, कार और स्कूटर मिलाकर 45.82 लाख 206 रुपये जब्त किए गए. आरोपितों में भुज के पत्रकार अब्दुल सतार इशाक मंजोथी के खिलाफ जामनगर जिले के पंचकोशी पुलिस स्टेशन में रंगदारी के साथ हत्या का अपराध और भुज सिटी पुलिस स्टेशन में हत्या के प्रयास का पहले अपराध दर्ज है.
हिन्दुस्थान समाचार
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