किसान ने आज एक बार फिर दिल्ली कूच करने की कोशिश की लेकिन शंभू बॉर्डर उनकी हरियाणा पुलिस से बहस हो गई. पुलिस ने दावा किया कि 101 किसानों के जत्थे के रूप में आगे बढ़ने की बजाय वो भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे थे. पुलिस ने किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. पुलिस की सख्ती के बाद किसानों ने फिलहाल अपना दिल्ली मार्च रोक दिया है. वहीं हरियाणा पुलिस ने किसानों को आगे बढ़ने के लिए दिल्ली पुलिस से आवश्यक अनुमति लेने के लिए कहा है.
वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि “आज हमने ‘जत्था’ वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि एक किसान को पीजीआई में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत गंभीर है और 8-9 किसान घायल हैं, इसलिए हमने जत्था वापस ले लिया है.” बैठक के बाद हम आपको आगे के कार्यक्रम के बारे में बताएंगे…”
#WATCH | Farmers' 'Dilli Chalo' march | At the Shambhu border, farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "Today we have decided to withdraw the 'jatha'. The agitation will continue today. One farmer has been admitted to PGI and is in serious condition and 8-9 farmers are injured,… pic.twitter.com/YXIGIGxd53
— ANI (@ANI) December 8, 2024
#WATCH | Farmers' 'Dilli Chalo' march | Visulas from the Shambhu border where Police use tear gas to disperse farmers pic.twitter.com/7htlxqZ0HU
— ANI (@ANI) December 8, 2024
#WATCH | Police use tear gas to disperse farmers who began their 'Dilli Chalo' march today, but stopped at the Shambhu border
"We will first identify them (farmers) and then we can allow them to go ahead. We have a list of the names of 101 farmers, and they are not those people… pic.twitter.com/KGpmxDjGD4
— ANI (@ANI) December 8, 2024
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि पुलिस के पास जो सूची है वह गलत है, सूची में यहां आने वाले किसानों का नाम नहीं है. हमने उनसे (पुलिस से) कहा है कि हमें आगे बढ़ने दें. पुलिस कह रही है कि हमें (किसानों को) आगे बढ़ने की अनुमति नहीं है तो हमें अपनी पहचान क्यों साबित करनी है? हम बातचीत के जरिए चीजों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन फिर भी हम आगे बढ़ेंगे.
#WATCH | Farmers' 'Dilli Chalo' protest | A protesting farmer at the Shambhu border says, "The list they (police) have is wrong – the list doesn't have the name of farmers coming here. We have asked them (the police) to let us move ahead and we will show them our identity cards.… pic.twitter.com/tlIZiHH4vU
— ANI (@ANI) December 8, 2024
पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर तैनात हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि हम पहले उनकी (किसानों की) पहचान करेंगे और फिर हम उन्हें आगे जाने की अनुमति दे सकते हैं. हमारे पास 101 किसानों के नामों की एक सूची है, और वे वे नहीं हैं.” पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे हमें पहचानने नहीं दे रहे हैं. वे भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे हैं.”
#WATCH | Farmers' 'Dilli Chalo' march | A Haryana police official deployed at the Punjab-Haryana Shambhu border, says, "We will first identify them (farmers) and then we can allow them to go ahead. We have a list of the names of 101 farmers, and they are not those people – they… pic.twitter.com/P4WSCOenGt
— ANI (@ANI) December 8, 2024
बता दें शुक्रवार को भी किसानों ने दिल्ली कूच किया था लेकिन पुलिस के साथ झड़प और लाठीचार्ज के बाद उन्होंने 2 दिन के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि उन्होंने सरकार से बातचीत करने की अपील की थी लेकिन केंद्र की तरफ से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया है. इसलिए आज फिर से वो दिल्ली कूच करेंगे.
हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसी भी हालात में किसानों को दिल्ली कूच नहीं करने दिया जाएगा. शंभू बॉर्डर पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए हैं. पुलिस बॉर्डर पर मजबूती के साथ बैरिकेंडिंग की गई है. इतना ही नहीं सड़कों पर लोहे की कीलें भी लगाई गई हैं. किसानों के आंदोलन को देखते हुए अंबाला जिले के 11 गांवों में 9 दिसंबर तक मोबाईल इंटरनेट और एसएमएस सेवा पर रोक लगा गई है.
खनौरी बॉर्डर पर चार लेयर की सिक्योरिटी
शंभू बॉर्डर के साथ ही खनोरी बॉर्डर पर भी पुलिस बल तैनात किया गया है. यहां 4 चेयर की सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया है. पहली लेयर इंडियन रिजर्व बटालियन की है. दूसरी लेयर में रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है. तीसरी लेयर सीमा सुरक्षा बलों के जवानों की है तो चौथी लेयर में पुलिस के जवान लगाए गए हैं. बॉर्डर के पास धारा 163 लागू है, जिसके तहत एक साथ 5 से ज्यादा व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक है.
किसानों की मांगे
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी
2020-21 में आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा
खीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग
किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन लागू की जाए
बिजली दरों में बढ़ोत्तरी नहीं करने की मांग
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