नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पलटवार किया है. किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ एनडीए को उच्च सदन में स्पष्ट बहुमत प्राप्त है और उन्होंने धनखड़ के नेतृत्व पर विश्वास व्यक्त किया.
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्षी दलों के सदस्य लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति की गरिमा को गिराने का काम करते आए हैं. कुछ दिन पहले विपक्ष ने आसन पर सवाल उठाए हैं. लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के सभापति हम लोगों के गाइड होते हैं. सदन में बहुत ही पवित्र स्थान के रूप में आसन के निर्णय का पालन करना होता है. यह व्यवस्था बनाई गई है. इसके बावजूद कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने लगातार आसन का अपमान किया है और आसन के निर्देशों को भी नहीं मानते हुए सदन में बहुत गलत व्यवहार किया है.
‘विद्वान और नेक व्यक्ति हैं सभापति’
उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक आम गरीब किसान परिवार से आते हैं. वह जाट समुदाय से पहली बार उपराष्ट्रपति बने हैं. वह सदन में और बाहर भी गरीबों और किसानों का हमेशा पक्ष रखते हैं. वह बहुत विद्वान और नेक व्यक्ति हैं. हम लोग उन पर बहुत फख्र महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि धनखड़ के खिलाफ दिए गए नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले 60 सांसदों के इस कृत्य की निंदा करता हूं.
कांग्रेस पर बोला हमला
किरेन रिजिजू ने कहा कि जब से देश के सामने जार्ज सोरोस और कांग्रेस पार्टी के आपसी तालमेल के जरिये भारत के विरोध में काम करने की गतिविधि सामने आई है, तब से कांग्रेस पार्टी घबराई हुई है. कांग्रेस और उनके कुछ साथी तिलमिलाए हुए हैं. हम चाहते हैं कि देश के सामने कांग्रेस नेतृत्व इस देश विरोधी कृत्य के लिए माफी मांगे. संसद में जो भी चुने हुए जन प्रतिनिधि हैं और मुख्य राजनीतिक दल हैं, उनमें कांग्रेस पार्टी ने लगभग 60 साल तक इस देश पर शासन किया है.
अविश्वास प्रस्ताव इंडी गठबंधन के 60 सांसदों द्वारा दायर किया गया, जिनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीआई-एम, जेएमएम, आआपा, डीएमके और समाजवादी पार्टी के सदस्य शामिल हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को नोटिस सौंपा. इसमें विपक्ष ने सभापति धनखड़ पर “पक्षपातपूर्ण आचरण” का आरोप लगाया है. किरेन रिजिजू ने कहा कि नोटिस दाखिल करने के बावजूद विपक्षी गुट के पास प्रस्ताव पारित करने के लिए 243 सदस्यीय राज्यसभा में आवश्यक संख्या नहीं है.
इसे पहले आज लोकसभा में विपक्ष के हंगामा करने पर भी किरेन रिजिजू ने तीखे बयान दिए थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद की कार्यवाही क्यों बाधित कर रही है? क्या यह जॉर्ज सोरोस से जुड़े सवालों से बचने के लिए है? देश की जनता सब देख रही है. अवरोध बंद करें, माफी मांगें, और देश को प्राथमिकता दें.
हिन्दुस्थान समाचार
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