दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल रहमान ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अब्दुल रहमान ने आज सुबह कांग्रेस का दामन थाम लिया. उन्होंने कल ही आप से इस्तीफा दिया था और विधायक पद से भी रिजाइन कर दिया है. कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद अब्दुल रहमान ने कहा कि जब आप का गठन हुआ था तब कई चीजें थीं – जैसे समानता और सभी धर्मों को साथ लेकर चलना लेकिन, पार्टी अब ऐसा नहीं कर रही है. ताहिर हुसैन को 6 साल के लिए निकाल दिया था लेकिन नरेश बालियान जिनकी बदमाशों के साथ सांठगांठ थी उसपर आप कुछ नहीं बोलती.
#WATCH | Delhi | After joining Congress, Abdul Rehman says, "…When AAP was formed – many things were there – like equality and taking all religions along, together. But, the party isn't doing that. When it was about Tahir Hussain – the party suspended him for 6 years… But,… https://t.co/GOuddHNYUT pic.twitter.com/Yt0tGCJIPr
— ANI (@ANI) December 10, 2024
अब्दुल रहमान काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे. उन्होंने आप के शीर्ष नेतृत्व पर मुस्लिमों के अधिकारों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. अब्दुल रहमान ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जनता से मुद्दों को दरकिनार कर राजनीति करने का आरोप भी लगाया. वहीं उन्होंने कहा कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं लेकिन इंसाफ और हक की लड़ाई जारी रखेंगे. इससे पहले उन्होंने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
बता दें कुछ दिन पहले ही यहां से 5 बार के विधायक और कांग्रेस नेता मतीन अहमद, उनके बेटे जुबैर अहमद और उनकी पत्नी शगुफ्ता चौधरी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे. बता दें शगुफ्ता चौधरी सीलमपुर के ही एक वार्ड चौहान बांगर से कांग्रेस की पार्षद थी लेकिन अब पूरे परिवार ने आप ज्वाइन कर ली है. वहीं आप की पहली लिस्ट में जुबैर चौधरी को केजरीवाल ने सीलमपुर से टिकट तक दे दिया.
बता दें सीलमपुर विधानसभा सीट यमुनापार में स्थित हैं. यह उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र में आती है. यह सीट एक मुस्लिम बहुल सीट है. इस सीट पर 40 प्रतिशत हिंदू मतदाता जबकि 60 प्रतिशत मस्लिम वोटर हैं यानि कि सीलमपुर सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है. इस सीट पर 1993 से 2013 तक चौधरी मतीन अहमद ही जीतते रहे हैं. वह एक बार जनता दल की टिकट से, एक बार निर्दलीय और 3 बार कांग्रेस की टिकट से विधायक रहे हैं लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी की लहर ने मतदीन अहमद से यह सीट छीन ली और आप के हाजी इशराक खान यहां से विधायक बने. वहीं 2020 में पार्टी ने उनका टिकट कट गया और पार्टी ने अब्दुल रहमान को मैदान में उतारा और फिर एक बार यह सीट आप की झोली में आई लेकिन पार्टी ने इसबार भी वर्तमान विधायक का टिकट काटकर कांग्रेस से आए जुबैर अहमद को दे दिया.
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