Birthright Citizenship: अमेरिकी चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अगले चार साल के लिए दूसरी बार राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. ट्रंप अगले साल 20 जनवरी को राष्ट्पति की शपथ लेंगे. लेकिन शपथ लेने से पहले ही ट्रंप काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. उन्होंने पद संभालने के बाद जिन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी उसके बारे में अभी से ही स्पष्ट कर दिया है.
पिछले कई समय से अमेरिका में वैध और अवैध रुप से आने वालों की संख्या बढ़ने बहस का मुद्दा रही है. ट्रंप ने चुनाव के दौरान ही इस समस्या को हल करने का वादा किया था. लेकिन ट्रंप ने एक इंटरव्यू के दौरान साफ कह दिया है कि वह बर्थराइट सिटिजनशिप के नियम को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे. इस नियम के खत्म होते ही अमेरिका में जन्म लेने वाले लोगों को अब स्वत नागरिकता नहीं मिलेगी. ट्रंप के इस फैसले के बाद लाखों भारतीयों की चिंता बढ़ गई है. आइए जानिए क्या है बर्थराइट सिटिजनशिप राइट और इसे खत्म करने से भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर?
जानें क्या होती बर्थराइट सिटिजनशिप?
आपको बता दें, दुनिया के हर देश में नागरिकता मिलने के अलग-अलग तरीके होते हैं. जैसे कि भारत में उन्हीं लोगों को भारत की नागरिकता मिलती है जो बच्चे भारत में पैदा होते हैं. ठीक उसी तरह अमेरिका का नियम कहता है कि अमेरिका का नागरिक केवल उन्हीं को माना जाएगा, जो बच्चा अमेरिका में पैदा होगा.
लेकिन गृहयुद्ध के बाद, साल 1868, जुलाई में कांग्रेस ने 14वें संशोधन के तहत अमेरिका में नागरिकता के नियम बदले थे. उस संशोधन ने सभी लोगों को नागरिकता देने का आश्वासन दिया था. इसमें यह भी नहीं देखा जाता था कि उस बच्चे के माता-पिता वैध या अवैध किस तरह से अमेरिका में आए हैं.
ट्रंप ने जताई इस बर्थराइट सिटिजनशिप से आपत्ति
ट्रंप ने इस तरह के सभी नियमों को बकवास बताया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. अमेरिका की नागरिकता पाने के लिए थोड़े कठिन नियम होने चाहिए. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही इस बर्थराइट सिटिजनशिप के नियम को खत्म कर दिया जाएगा.
भारतीयों पर पड़ेगा क्या असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में यदि बर्थराइट सिटिजनशिप का नियम खत्म होता है या उसमें कोई बदलाव होता है तो उसे काफी बड़ी संख्या में अमेरिका नागरिकता में असर देखने को मिलेगा. प्यू रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में लगभग 4.8 मिलियन भारतीय-अमेरिका में रहते हैं. जिनमें से केवल 1.6 मिलियन लोग ही अमेरिका में जन्मे है. अगर ट्रंप इस नियम को खत्म करते हैं, तो ये लोग अमेरिका के नागरिक नहीं होंगे. साथ ही कई परिवार भी अलग हो जाएंगे. साथ ही अमेरिका सरकार के सामने सकंट में पैदा हो सकता है.
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