नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में संविधान को अंगीकार करने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर संविधान का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार इसके मूल चरित्र को कभी बदलने नहीं देगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा ‘कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संविधान को हाईजैक करने की कोशिश की है. भारत का संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है. इसे भारत के लोगों ने भारतीय मूल्यों के अनुरूप बनाया है. इसमें सबका योगदान रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार संविधान में लिखे धर्म के अनुसार काम कर रही है, जो प्रगतिशील, समावेशी और परिवर्तनकारी है. इस दौरान राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष किया, उन्होंने कहा कि “आज कुछ विपक्षी नेता अपनी जेब में संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं. दरअसल, उन्होंने बचपन से ही यह सीखा है. उन्होंने अपने परिवारों में पीढ़ियों से संविधान को जेब में रखा हुआ देखा है.” उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संविधान को जेब में नहीं बल्कि सिर-माथे से लगाकर रखती है.
भारतीयों के संविधान और लोकतंत्र पर विश्वास की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि औपनिवेशिक कालखंड के बाद बने कई लोकतंत्र और उनके संविधान लंबे समय तक नहीं टिके लेकिन भारतीय संविधान तमाम चुनौतियों के बावजूद अपनी मूल भावना को खोए बिना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहा है.
#WATCH | Speaking in Lok Sabha during discussion on the 75th anniversary of the adoption of the Constitution of India, Defence Minister Rajnath Singh says, "Many postcolonial democracies and their Constitutions did not last long. But the Indian Constitution, despite all the… pic.twitter.com/TZKDdTbp2n
— ANI (@ANI) December 13, 2024
उन्होंने संविधान के संरक्षक और व्याख्याकार के रूप में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को भी स्वीकार किया. राजनाथ सिंह ने कहा, आज संविधान की रक्षा की बात हो रही है. यह हम सभी का कर्तव्य है, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने इसका अपमान किया है.
#WATCH भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "…हम सभी संविधान के संरक्षक और व्याख्याता के रूप में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को स्वीकार करते हैं। आज संविधान की रक्षा की बात हो रही है। यह हम सभी का कर्तव्य है।… pic.twitter.com/9ZHLqdgf97
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2024
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारत का संविधान केवल शासन प्रणाली स्थापित करने का माध्यम नहीं है बल्कि यह भारत के गौरव को पुनः स्थापित करने का एक रोडमैप है. हमारे संविधान ने भारतीयता से परिचित कराया है. हमारे संविधान की मूल प्रति के भाग 3 में भगवान श्रीराम, मां सीताजी और लक्ष्मणजी की तस्वीर भी अंकित है. मूल प्रति के मुखपृष्ठ पर अजंता गुफाओं की पेंटिंग की छाप दिखती है. साथ ही कमल का फूल भी है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भी संविधान के अनुरूप आचरण कर रही है. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास इसी मूल भावना का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी ने संविधान की भावना को ठेस पहुंचाने का महापाप किया था. कांग्रेस 1976 में 43वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम लेकर आई. यह प्रधानमंत्री, राज्यपालों और अन्य संवैधानिक पद धारकों को आपराधिक और कानूनी छूट प्रदान करने के लिए लाया गया था. एक बार ऐसे पद पर बैठो, सारे अपराधों से बरी हो जायेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार
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