India-China Relation: भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) कल (17 दिसंबर) मंगलवार को अपने चीन दौरे पर जा रहे हैं. वहां वह लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (LAC) और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे. अपने चीन दौरे पर अजीत डोभाल की मुलाकात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से हो सकती है. अजीत डोभाल की यह यात्रा 2 दिवसीय है.
मिली जानकारी के अनुसार अजीत डोभाल अपने इस चीन दौरे पर वास्ताविक नियंत्रण रेखा पर समाधान खोजने और लंबे समय से चल रहे विवाद को सुलाझाने पर जोर देंगें. जिसके चलते भारत-चीन दोनों देशों के लिए यह मुलाकात काफी खास मानी जा रही है. बता दें, इससे पहले दोनों देशों के बीच प्रतिनिधि स्तर पर आखिरी बातचीत साल 2019 दिसंबर में हुई थी.
अजीत डोभाल की चीन जानें क्या है एजेंडा?
सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार, साल 2020 में जून महीने में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद यह दोनों देशों की पहली वार्ता होगी. गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच के संबध काफी बुरे हो गए थे. बताया जा रहा है इस खास बातचीत के बाद अगली कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता का रास्ता भी पूरा साफ हो जाएगा.
बफर जोन बनाने पर हो सकता है समझौता
मीडिया द्वारा मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में बफर जोन बनाने पर भी बात हो सकती है. इस बातचीत से दोनों देश के बीच स्थिरता भी बढ़ेगी.
विदेश मंत्री ने चीन के साथ बनने वाले संबध पर कहीं थी ये बात
हाल ही में , 15 दिसंबर को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन को दोनों देशों के बीच एक संतुलन को कायम रखना चाहिए. क्योंकि ये संतुलन दोनों ही देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसकी प्राप्ति आसान नहीं है. फिलहाल अभी दोनों देशों को अल्पकालिक उपायों से लड़ना पड़ा रहा है.
पेट्रोलिंग पंप को लेकर भारत-चीन के बीच हुआ था समझौता
हाल ही में एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर अक्तूबर 2024 में भारत-चीन के बीच अहम समझौता हुआ था. समझौता के तहत लाइन ऑफ एक्चेुयल कंट्रोल की स्थिति एक बार फिर ठीक वैसे हो जाएगी, जैसे जून 2020 से पहले थी. बता दें, जून, 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच काफी झड़प हुई थी. जिसके बाद से वहां पर तनाव की स्थिती पैदा हो गई थी. साथ ही पैट्रोलिंग भी रुक गई थी.
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