सियोल: दक्षिण कोरिया के संवैधानिक न्यायालय ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ महाभियोग मुकदमे की प्रारंभिक सुनवाई 27 दिसंबर को दोपहर दो बजे होगी. इससे पहले कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जसिट्स मून ह्युंग-बे ने सुबह 10 बजे वर्तमान सभी छह जजों की बैठक बुलाई. इस बैठक में पहली सुनवाई 27 दिसंबर को करने का फैसला किया गया. महाभियोग की सुनवाई से पहले यून ने अपनी कानूनी टीम को अंतिम रूप दिया है. टीम का नेतृत्व कोरिया संचार आयोग के पूर्व अध्यक्ष किम होंग-इल करेंगे.
द कोरिया टाइम्स समाचार पत्र के अनुसार, प्रारंभिक सुनवाई उद्देश्य मुकदमे के प्रमुख मुद्दों को स्पष्ट करना, साक्ष्य परीक्षण पर चर्चा करना और गवाहों के चयन पर निर्णय लेना है. संवैधानिक न्यायालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस दौरान अभियोजन, पुलिस और अन्य अधिकारियों से जांच संबंधी रिकॉर्ड प्राप्त किए जाएंगे. राष्ट्रपति यून को इसकी सूचना दी गई है.
संवैधानिक न्यायालय ने नेशनल असेंबली से “राष्ट्रपति यून सुक येओल का महाभियोग प्रस्ताव” शीर्षक वाला दस्तावेज प्राप्त होने के बाद शनिवार को मुकदमे की प्रक्रिया शुरू की. रविवार को न्यायाधीशों ने अपने आवासों से इसकी समीक्षा की. न्यायालय ने महाभियोग परीक्षण के लिए जस्टिस चेओंग ह्युंग-सिक को पीठासीन न्यायाधीश नियुक्त किया. चेओंग को राष्ट्रपति यून ने ही नामित और नियुक्त किया था. डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया के प्रतिनिधि जंग चुंग-रे, नेशनल असेंबली की विधायी और न्यायपालिका समिति के अध्यक्ष महाभियोग अभियोजक के रूप में काम करेंगे. इस दौरान यून को भी उपस्थित होना होगा. अंतिम फैसला अप्रैल के अंत तक आने की उम्मीद है.
सर्वोच्च न्यायालय दक्षिण कोरिया के सभी साधारण न्यायालयों के पदानुक्रम में सबसे ऊपर है और पारंपरिक रूप से दक्षिण कोरिया की पारंपरिक न्यायपालिका का प्रतिनिधित्व करता है. सर्वोच्च न्यायालय को दक्षिण कोरिया के दो सर्वोच्च न्यायालयों में से एक के बराबर दर्जा प्राप्त है. दूसरा कोरिया का संवैधानिक न्यायालय है. कानूनी और राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार राष्ट्रपति यून सुक येओल पुलिस जांच अधिकारियों के समन की अगर लगातार अवहेलना करेंगे तो उन्हें जबरन हिरासत में लिया जा सकता है.
हिन्दुस्थान समाचार
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