नई दिल्ली: देश में चालू चीनी विपणन सत्र 2024-25 में 15 दिसंबर 2024 तक 61.39 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. पिछले चीनी विपणन सत्र में इसी अवधि तक 74.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. इस तरह चीनी के उत्पादन में अब तक 17 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. हालांकि, उत्पादन के आंकड़ों में चीनी का इथेनॉल निर्माण के लिए उपयोग की मात्रा शामिल नहीं है.
चीनी उद्योग के प्रमुख निकाय भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन में आई गिरावट के कारण अक्टूबर में शुरू हुए चालू विपणन सत्र 2024-25 में 15 दिसंबर 2024 तक चीनी का उत्पादन 17 फीसदी घटकर 61.39 लाख टन रहा है. इस्मा के मुताबिक इस साल चालू कारखानों की संख्या 477 है, जबकि पिछले साल इसी तारीख को 496 चीनी मिलें चालू थीं.
इस्मा के जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 22.11 लाख टन से बढ़कर 23.04 लाख टन पर पहुंच गया है. हालांकि, महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 24.45 लाख टन से घटकर 16.78 लाख टन रहा. वहीं, कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 17.56 लाख टन से घटकर 13.85 लाख टन रह गया है. उद्योग निकाय इस्मा ने कहा कि ‘‘इस साल चीनी का इथेनॉल के निर्माण में इस्तेमाल पिछले साल के 21.5 लाख टन के मुकाबले करीब 40 लाख टन ज्यादा रहने का अनुमान है.‘‘
इस्मा ने कहा कि इस साल कर्नाटक में चीनी मिलें पिछले साल की तुलना में करीब 7-12 दिन देरी से शुरू हुईं, जबकि एक अन्य प्रमुख राज्य महाराष्ट्र में चीनी मिलें पिछले साल की तुलना में 15-20 दिन देरी से चालू हुईं. हालांकि, इन प्रमुख राज्यों में देरी से पेराई शुरू होने के बावजूद चालू मिलों की संख्या और संबंधित पेराई दर में तेजी से वृद्धि हो रही है.
हिन्दुस्थान समाचार
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