नई दिल्ली: भारतीय ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने बुधवार को ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट के समापन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. शानदार प्रदर्शन करने वाले अश्विन ने 24 की औसत से 537 टेस्ट विकेट लिए और छह शतकों सहित 3,503 रन बनाए. उन्होंने वनडे में 156 और टी20 में 72 विकेट भी लिए.
लगभग एक दशक तक घरेलू परिस्थितियों में दबदबा बनाए रखने वाले अश्विन ने कई यादगार प्रदर्शन किए, खासकर पूर्व कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में, जिन्होंने अश्विन के जीवन के अगले अध्याय के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं.
कोहली ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैंने आपके साथ 14 साल तक खेला है और जब आपने आज मुझे बताया कि आप रिटायर हो रहे हैं, तो मैं थोड़ा भावुक हो गया और साथ में खेले गए उन सभी सालों की यादें मेरे सामने आ गईं. मैंने आपके साथ यात्रा के हर पल का आनंद लिया है, आपका कौशल और भारतीय क्रिकेट में मैच जीतने वाला योगदान बेमिसाल है और आपको हमेशा भारतीय क्रिकेट के दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा. आपके जीवन में आपके परिवार और आपके लिए जो कुछ भी सामने आता है, उसके लिए शुभकामनाएं. आपको और आपके करीबी लोगों को बहुत सम्मान और ढेर सारा प्यार. हर चीज के लिए शुक्रिया दोस्त.”
वहीं, संन्यास की चर्चा हवा में थी और जब आर. अश्विन ने स्पष्ट किया कि वह अंतरराष्ट्रीय खेल से संन्यास ले रहे हैं, तो सभी अटकलें तुरंत खत्म हो गईं. रोहित शर्मा को पर्थ में पहले टेस्ट मैच से ही अश्विन के संन्यास का अंदाजा था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल से अश्विन के जाने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए भारतीय कप्तान ने कहा, “कुछ फैसले बहुत निजी होते हैं और मुझे नहीं लगता कि इस बारे में बहुत सारे सवाल पूछे जाने चाहिए. अगर किसी खिलाड़ी के पास कोई विकल्प है, तो उसे वह विकल्प दिया जाना चाहिए और अश्विन जैसे खिलाड़ी, जो इतने सालों से हमारे लिए खेल रहे हैं, उन्हें इस तरह के फैसले लेने की अनुमति है और हमें टीम के साथी के तौर पर इसका सम्मान करना चाहिए. वह जो करना चाहते थे, उसके बारे में वह बहुत आश्वस्त थे और टीम ने उनकी सोच का पूरा समर्थन किया.”
अश्विन के फैसले के बारे में बात करते हुए रोहित ने विस्तार से बताया, “जब मैं पर्थ आया तो मैंने यह सुना. जाहिर है इसके पीछे कई चीजें हैं. मुझे यकीन है कि ऐश इसका जवाब दे पाएगा. लेकिन वह समझता है कि टीम क्या सोच रही है, वह समझता है कि हम किस तरह के संयोजन के बारे में सोच रहे हैं और जब हम यहाँ आए थे तो हमें भी यह नहीं पता था कि कौन सा स्पिनर खेलेगा, हम बस यह आकलन करना चाहते थे कि हमारे सामने किस तरह की परिस्थितियाँ हैं, लेकिन हाँ जब मैं पर्थ पहुँचा, तो हमारी इस तरह की बातचीत हुई. मैंने किसी तरह उसे उस गुलाबी गेंद वाले टेस्ट (एडिलेड में) के लिए रुकने के लिए मना लिया, और उसके बाद, आप जानते हैं, ऐसा हुआ कि उसे लगा कि अगर ‘मेरी ज़रूरत नहीं है तो खेल को अलविदा कहने का सही समय है’. हम सभी को इस समय उसकी सोच के साथ खड़ा होना चाहिए. इस तरह अश्विन, गौतम गंभीर और मैंने इस बारे में बातचीत की.”
अश्विन से जुड़ी अपनी निजी यादों के बारे में पूछे जाने पर रोहित ने कहा, “मैंने अंडर-17 से ही अश्विन के साथ क्रिकेट खेला है. तब वह ओपनर थे. और फिर कुछ साल बाद, मैं तमिलनाडु से खबर सुन रहा हूँ कि आर. अश्विन पाँच विकेट, सात विकेट ले रहे हैं और मैं सोच रहा था कि यह लड़का कौन है. मैंने उसे बल्लेबाज के तौर पर देखा और फिर अचानक वह एक गेंदबाज बन गया जो पाँच विकेट ले रहा है. फिर जाहिर है, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हम फिर मिले और 2010 से एक साथ एक लंबा सफर तय किया.”
रोहित ने भारतीय क्रिकेट में अश्विन के योगदान को लेकर कहा, “वह भारत के लिए एक सच्चे मैच विजेता हैं. जब भी कोई संकट आया, हमने अश्विन की ओर देखा और उन्होंने हमारे लिए कुछ किया. उनका रिकॉर्ड खुद ही सब कुछ बयां करता है. वह भारतीय क्रिकेट के सेवक रहे हैं और उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है.”
हिन्दुस्थान समाचार
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