नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजार में इस सप्ताह लगातार बिकवाली का दबाव बना हुआ है. पिछले तीन दिन के कारोबार में सेंसेक्स में 1,950 अंक से अधिक की गिरावट आ चुकी है. इसी तरह निफ्टी भी 569 अंक से अधिक फिसल चुका है. आज के कारोबार में ही सेंसेक्स 502.25 अंक टूट गया. इसी तरह निफ्टी ने भी 137.15 अंक की कमजोरी के साथ आज के कारोबार का अंत किया. माना जा रहा है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से किए गए रेसिप्रोकल टैक्स के ऐलान और विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली की वजह से घरेलू शेयर बाजार में दबाव की स्थिति बनी है.
खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना के अनुसार अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल टैक्स यानी जवाबी टैक्स लगाने की बात कही है. ट्रंप का कहना है कि भारत और ब्राजील अमेरिकी उत्पादों पर जितना टैक्स लगाते हैं, उतना ही टैक्स अमेरिका भी इन दोनों देशों के उत्पादों पर लगाएगा. ट्रंप का ये बयान भारत और ब्राजील दोनों देशों के लिए ट्रेड कनफ्लिक्ट को लेकर चिंता पैदा करने वाला है. ऐसा होने से भारतीय निर्यातकों की लागत बढ़ सकती है, जिससे अंततः उनका मुनाफा भी प्रभावित होगा. यही वजह है कि शेयर बाजार के सेंटीमेंट पर ट्रंप के इस बयान ने आज नेगेटिव असर डाला.
खुराना के अनुसार इसी तरह विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से लगातार जारी बिकवाली से भी घरेलू शेयर बाजार के सेंटीमेंट्स पर काफी बुरा असर पड़ा है. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में 6,409.86 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी, जिसकी वजह से जोरदार मंदी का माहौल बन गया था. विदेशी निवेशकों की बिकवाली आज भी जारी रही. इन निवेशकों ने कैश मार्केट में लगभग 6,410 करोड़ रुपये की निकासी की, जिससे इस बात का संकेत बना है कि बाजार में तेजी आने पर विदेशी निवेशक अपनी बिकवाली को और तेज कर सकते हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान अमेरिकी स्टॉक मार्केट की तुलना में भारतीय स्टॉक मार्केट का प्रदर्शन कमजोर रहा है. इस वजह से भी विदेशी संस्थागत निवेशक घरेलू शेयर बाजार से अपना पैसा निकालने में लगे हुए हैं.
इस संबंध में धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में आई कमजोरी की एक बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक भी रही है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पहले ही ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती करने का संकेत दिया था. इस कटौती के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व आगे क्या रुख अपनाएगा, इसको लेकर ग्लोबल मार्केट में अनिश्चित बनी हुई है. यही वजह है कि इस सप्ताह अमेरिकी निवेशकों का ज्यादा ध्यान अपने पैसे की सुरक्षित निकासी पर बना हुआ है. इसी वजह से विदेशी निवेशक दूसरे बाजारों की तरह भारतीय बाजार से भी अपना पैसा निकालने में लगे हुए हैं, जिसके कारण घरेलू शेयर बाजार के सेंटीमेंट्स कमजोर हुए हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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