कोलकाता: कोलकाता के दमदम स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एनएससीबीआई एयरपोर्ट) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर चुका है. यह हवाई अड्डा न केवल भारत की विमानन यात्रा का साक्षी रहा है बल्कि इसे प्रगति, कनेक्टिविटी और दृढ़ता का प्रतीक भी माना जाता है.
हवाई अड्डा के प्रवक्ता राजेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि 1924 में दमदम एयरपोर्ट के रूप में स्थापित इस हवाई अड्डे ने 1929 में बंगाल फ्लाइंग क्लब की मेजबानी कर भारतीय विमानन क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान दिया. 1964 में यह जेट सेवा का प्रमुख केंद्र बना और 1975 में पहला समर्पित एयरलाइन कार्गो टर्मिनल खोला गया, 1995 में इसका नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया और 2013 में यहां नए एकीकृत टर्मिनल का उद्घाटन हुआ, जो विरासत और नवाचार का अनूठा मिश्रण है.
21 दिसंबर को 2024 को इस हवाई अड्डे के शताब्दी समारोह का आयोजन किया जाएगा. इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु करेंगे। उनके साथ नागरिक उड्डयन एवं सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल, लोकसभा सांसद प्रो. सौरभ रॉय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव वूमलुनमंग वुअलनम, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के चेयरमैन विपिन कुमार और अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहेंगे.
समारोह में एनएससीबीआई एयरपोर्ट की समृद्ध विरासत पर चर्चा होगी और भारतीय विमानन क्षेत्र में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया जाएगा. इस अवसर पर “उड़ान यात्री कैफे” नामक बजट-फ्रेंडली कैफे का उद्घाटन भी किया जाएगा. यह कैफे यात्रियों को किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान करेगा. इसके अलावा, शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट और सिक्के जारी किए जाएंगे. साथ ही, भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक हवाई अड्डा वास्तुकला को प्रदर्शित करने वाली एक कॉफी टेबल बुक भी लॉन्च की जाएगी.
1,566.3 एकड़ भूमि में फैले और दो लाख 30 हजार वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र वाले एनएससीबीआई एयरपोर्ट की वार्षिक वहन क्षमता 2.6 करोड़ यात्रियों को सेवा देने की है. यह 49 घरेलू और 15 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानों की सुविधा प्रदान करता है, इसके आधुनिक कार्गो टर्मिनल ने पूर्वी भारत को वैश्विक बाजारों से जोड़ते हुए आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
100 वर्षों की अपनी सेवा यात्रा में कोलकाता एयरपोर्ट “सिटी ऑफ जॉय” के लिए एक गौरवपूर्ण स्मारक के रूप में खड़ा है। इसकी शुरुआत भले साधारण रही हो लेकिन आज यह दुनिया के प्रमुख विमानन केंद्रों में अपनी जगह बना चुका है, जो लोगों, संस्कृतियों और देशों को जोड़ने का सेतु बना हुआ है.
हिन्दुस्थान समाचार
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