उज्जैन: मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध तीर्थ नगरी उज्जैन के मंगलनाथ रोड स्थित गंगाघाट श्री मौन तीर्थ पीठ के पीठाधीश्वर और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरि महाराज को जान से मारने की धमकी मिली है. यह धमकी एक पत्र के जरिए मिली है. प्रयागराज से भेजे गए उर्दू में लिखे इस पत्र में सिर तन से जुदा करने की बात कही गई है. सुमनानंद गिरि को इस तरह का धमकी भरा पत्र पहले भी मिल चुका है. साल 2023 में किसी अज्ञात व्यक्ति ने अखाड़ा परिषद की बैठक के दौरान उन्हें उर्दू में पत्र भेजकर धमकी दी थी.
महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरि ने गुरुवार को धमकी भरे पत्र के बारे में बताया कि सगीर अहमद पुत्र रिजवान नाम के व्यक्ति ने नवाब नगर करेली प्रयागराज, यूपी के पते से एक लिफाफे में बंद उर्दू से लिखा पत्र भेजा है. इस पत्र में जान से मारने की धमकी दी गई है. महामंडलेश्वर ने धमकी भरे पत्र की जानकारी पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा को भेजी है और सुरक्षा देने का आग्रह किया है.
चिट्ठी पर लिखा है कि “काफिर (नास्तिक) सुमन आनंद, तू बार-बार नबी की तौहीन (अपमान) करता है. नामुराद, तुम अच्छी तरह जानते हो कि गुस्ताख-ए-रसूल की एक सजा जिस्म से जिस्म को जुदा करना है. तुम बहुत मुनाफिक (पाखंडी) और बदतमीज आदमी हो. तुम्हारी जिंदगी हमारे रहम-ओ-करम पर है. खामोश सफर में आप हमारी जमात (समुदाय) को मुसलसल (लगातार) गुमराह कर रहे हैं और हम आपके लिए कयामत (प्रलय) का इंतजार नहीं करेंगे. वैसे आप खुद एक मरदूद (बहिष्कृत) हैं. अल्लाह ने खुद आपको तोड़ा है, लेकिन शैतान आपके दिमाग में दाखिल होकर आपको धोखा दे रहा है. हम अपने दीन और ईमान की हिफाजत में पूरी तरह मजबूत हैं. राम मंदिर पर एक दिन अजान गूंजेगी, अपने आप को बचा सकते हो, तो बचा लो. इंशाल्लाह हम कामयाब होंगे.”
महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरि ने कहा कि पत्र भेजने वाले व्यक्ति की जानकारी हमें नहीं है. इसके पहले भी कई बार इसी तरह से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से धमकियां मिल चुकी हैं. कुछ लोगों को सनातन का प्रचार-प्रसार रास नहीं आ रहा है. इसलिए इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. शासन-प्रशासन को भी इस बारे में सूचनाएं दी जाती हैं, लेकिन न जाने किस कारण से कोई जवाबदार व्यक्ति संज्ञान नहीं ले रहा है. पुलिस मुख्यालय को भी धमकी भरे पत्र की सूचनाएं दी गई हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी मुलाकात कर सूचना दी थी. उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद सुरक्षा देने की बात कही थी. लेकिन उसके बाद कोई रुचि नहीं दिखाई. इसके पहले शिवराज को भी सूचना दी थी.
सुमनानंद गिरि ने कहा कि मैं तो सनातन का काम कर रहा हूं और करता रहूंगा. जब तक शरीर में प्राण हैं, धमकियां मिलती रहेंगी. वे लोग अपना काम कर रहे हैं, मैं अपना काम कर रहा हूं. जिस दिन हमारा समय आ जाएगा उस दिन न सुरक्षा व्यवस्था काम आएगी न कुछ और. ये जरूर है कि उस दिन जिम्मेदार श्रद्धांजलि देने जरूर आएंगे.
हिन्दुस्थान समाचार
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