कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पीड़िता के परिवार के वकील के बीच तीखी बहस हुई. परिवार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है.
सुनवाई के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि वे निराश नहीं हैं और न्याय पाने के लिए अंतिम सीमा तक जाएंगे. उन्होंने कहा, “चाहे देर हो, लेकिन हम धैर्य रखेंगे. हमारे जीवन का एकमात्र लक्ष्य न्याय प्राप्त करना है. यह कैसे आएगा, यह मायने नहीं रखता.”
सीबीआई ने अदालत में दावा किया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहा है और जांच की प्रगति से संबंधित रिपोर्ट नियमित रूप से पेश की जा रही है. हालांकि, पीड़िता के परिवार के वकील ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है.
हाई कोर्ट की टिप्पणी
कलकत्ता हाई कोर्ट के जज तीर्थंकर घोष ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा है, तो हमें इसकी स्पष्ट व्याख्या चाहिए.” उन्होंने परिवार के वकील को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच से इस बारे में स्पष्टीकरण लाने के लिए कहा. इस मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी.
सीबीआई की भूमिका पर परिवार की नाराजगी
पीड़िता के माता-पिता ने सीबीआई पर यह आरोप लगाया कि वह उनके साथ नियमित संपर्क में नहीं रहती. इससे पहले, 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में भी उन्होंने अपनी यह शिकायत दर्ज कराई थी.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुए इस जघन्य अपराध की जांच सीबीआई कर रही है. पीड़िता के परिवार ने जांच की धीमी प्रगति और संपर्क की कमी पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट का रुख किया है. परिवार की ओर से न्याय के लिए लड़ाई जारी है. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई न केवल उनकी बेटी के लिए है, बल्कि समाज में न्याय और सच्चाई के लिए भी है.
हिन्दुस्थान समाचार
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