झज्जर: हरियाणा के झज्जर जिले की बेटी, ओलंपियन शूटर मनु भाकर का नाम केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले खेल रत्न अवार्ड के लिए नामित नहीं किए जाने पर मनु के परिजनों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार पर मनु व अन्य खिलाड़ियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
शूटिंग की विश्व स्तरीय खिलाड़ी मनु भाकर के पिता रामकिशन ने मंगलवार को कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस बार उनकी बेटी मनु भाकर का नाम सरकार के खेल रत्न अवार्ड के लिए नामित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग या अधिकारियों की यह नीति सही नहीं है. इससे मनु भाकर की उपेक्षा हुई है और वह हतोत्साहित हो गई है. जिसका सीधा असर मनु के खेल पर पड़ सकता है,जबकि उनकी बेटी ओलंपिक खेलों के 106 वर्ष के इतिहास में देश को शूटिंग में दो पदक दिलवा चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए मनु को देश के लिए उसकी उपलब्धियों हेतु खुद ही खेल रत्न से नवाजे. अगर कोई भी सम्मान मांग कर लिया जाए तो यह भीख जैसा है. मनु को यह अवार्ड मिलना ही चाहिए.
इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मनु को खेल रत्न सम्मान के लिए नामित नहीं किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि मनु ने 2024 ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया. उस जीत के दौरान पूरे देश ने जश्न मनाया था. यहां तक कि 2018 में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनु भाकर को भारत का गौरव कहा था. अब खेल रत्न देने की बात आई तो केंद्र सरकार की सूची में मनु भाकर का नाम ही शामिल नहीं किया गया है. यह इस प्रतिभाशाली के खिलाड़ी के साथ अन्याय है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिरकार इस सरकार में खिलाड़ियों को बार-बार इस तरह से अन्याय का सामना क्यों करना पड़ता है.
हिन्दुस्थान समाचार
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