साल 2024 के खत्म होने के केवल दो दिन ही बचे हैं. नए साल 2025 के स्वागत के लिए लोग काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं. हर किसी इंसान का नए साल को सेलिब्रेट करने का तरीका अलग होता है, लेकिन इसी बीच दारुल इफ्ता द्वारा एक फतवा जारी किया गया है , जिसमें उन्होंने मुसलमानों को नये साल का जश्न मनाने और लोगों को बधाईयां देने के लिए साफ मना कर दिया है.
मौलाना शहाबुद्दीन रिजीव ने फतवा जारी कर दी ये हिदायत
मौलाना शहाबुद्दीन रिजीव ने रविवार (29 दिसंबर) जारी फतवे में कहा है कि नया साल की शुरुआत जनवरी के महीने से होती है. जो अन्य सभी धर्मों के लिए नया साल है. लेकिन उन्होंने इस तरह के जश्न को गैर-इस्लामी धार्मिक पंरपरा बताया है. और मुसलमानों को इसे दूर रहने की हिदायत दी है. उन्होंने मुसलमानों से कहा कि इस तरह की गैर-इस्लामी धार्मिक परंपराओं में भाग लेना और उसे अपनाना हमारे धर्म में सख्त मना है.
मौलाना शहाबुद्दीन रिजीव ने इन सभी गतिविधियों को बताया गैर-इस्लामी
फतवे में इन सभी गतिविधियों को गैर-इस्लामी बताया है. यहां देखें
- शराब पीना, पार्टी करना और जुआ खेलना
- पटाखे जलाना
- नाच गाना करना
- सीटी बजाना, शोर मचाना और हुड़दंग करना
- सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों को नए साल की शुभकामनाएं भेजना आदि शामिल है.
फतवे में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में भाग लेता है, तो वह इस्लामिक शरीयत के अनुसार गुनाहगार मनाया जाएगा.
मुसलमानों को दी ये सलाह
मौलाना शहाबुद्दीन ने फतवे ने जारी कर युवा पीढ़ी को नए साल का जश्न न मनाने के लिए लोगों को नसीहत दी है. मौलाना ने कहा कि मुसलमानों को गैर-इस्लामी गतिविधियों से बचना चाहिए और अपने जीवन को शरीयत की रोशनी में जाना चाहिए. साथ ही अन्य धर्मों के धार्मिक त्योहारों और कार्यक्रमों में भाग लेने से सख्त मना किया है.
ये भी पढ़ें: मणिपुरः सेना को संयुक्त अभियान में बड़ी सफलता, भारी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद
कमेंट