भारत, अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में इस साल आम चुनाव हुए. कहीं सत्ता पलट गई तो कहीं चौंकाने वाले नतीजे आए. इन आम चुनावों के परिणामों ने विश्व व्यवस्था पर प्रभाव डाला है. किसी देश में पुराने नेता सक्रिय राजनीति से गायब हो गए तो कहीं नए चेहरों ने विश्व राजनीति में अपनी पहचान बनाई. जानते हैं इस साल कहां चुनाव हुए और कौन प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बना…
भारत- दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में यानि भारत में 18वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव संपन्न हुए. अप्रैल से जून तक चले चुनाव में 7 चरणों में मतदान हुआ. 4 जून को जब नतीजे आए तो भारत में फिर से एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला. 303 जीतकर एनडीए ने दोबारा सरकार बनाई. नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने. हालांकि बीजेपी इस चुनाव में 240 सीटों पर ही सिमट गई. बता दें भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी दूसरे नेता बने. मोदी की तीसरी बार जीत से भारत की वैश्विक स्थिति ज्यादा मजबूत होगी.
अमेरिका- दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र यानि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में इस साल 5 नंवबर को राष्ट्रपति का चुनाव हुआ. इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीद्वार कमला हैरिस को बड़े अंतर से हराकर जीत दर्ज की. बता दें डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. इससे पहले वह 2016 से 2020 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं. ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे.
रूस- यूक्रेन के खिलाफ जंग के बीच रूस में अप्रैल 2024 में राष्ट्रपति के चुनाव संपन्न हुए. इस चुनाव में व्लादिमिर पुतिन को 87 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल हुए. बता दें पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति चुने गए है. वह चुनाव जीतने के बाद 6 साल और सत्ता पर रहेंगे. 2030 तक पुतिन ही रूस का नेतृत्व करेंगे.
ब्रिटेन- ब्रिटेन में भी इसी साल 4 जुलाई को आम चुनाव हुए. इस बार ब्रिटेन में 14 सालों के लंबे कालखंड के बाद लेबर पार्टी ने बाजी मार ली. वहीं ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी की करारी हार हुई. बता दें लेबर पार्टी ने ब्रिटेन की 650 सीटों में से 410 सीटों पर विजय पताका फहराकर इतिहास रच दिया. कीर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने.
साउथ अफ्रीका- अफ्रीका महाद्वीप के देश दक्षिण अफ्रीका में भी इसी साल आम चुनाव संपन्न हुए. 29 मई 2024 को चुनाव में सत्तरूढ़ पार्टी अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन उसके समर्थन में काफी गिरावट दर्ज की गई. अंत में यह हुआ कि अफ्रीका नेशनल कांग्रेस संसद में अपना बहुमत खो बैठी. रामफोसा की अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी (ANC) ने सरकार बनाने के लिए सबसे बड़े विपक्षी दल डेमोक्रेटिक अलायंस (DA) के साथ गठबंधन किया और सिरिल रामफोसा लगातार दूसरी बार देश के राष्ट्रपति बने.
जापान- एशिया के एकमात्र विकसित देश जापान में भी इस साल चुनाव कराए दिए. लेकिन इस बार पीएम शिगेरू इशिबा की पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को बहुमत नहीं मिल गया. सत्ताधारी गठबंधन को 215 सीटें मिली है और वो बहुमत से 18 सीटें पीछे रह गया. वहीं मुख्य विपक्षी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी को 148 सीटों मिली जो पिछले चुनाव के मुकाबले 50 सीट ज्यादा हैं.
फ्रांस- फ्रांस में जुलाई के महीने में आम चुनाव हुए लेकिन किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका है. वामंपथी न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन ने इस चुनाव में 188 सीटों पर विजय प्राप्त की. वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन सिर्फ 161 सीटें ही हासिल कर सका. दक्षिण पंथी नेशनल रैली, 142 सीटें हासिल कर तीसरी बड़ी पार्टी बनी. लेकिन फ्रांस में कोई भी दल बहुमत का आंकड़ा नहीं पार कर पाया.
बांग्लादेश- बांग्लादेश में इस साल के शुरूआत में ही जनवरी में आम चुनाव हुए. इन चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी की एतिहासिक विजय हुई. शेख हसीना ने 300 में से 222 सीटों पर कब्जा कर लिया. 66 सीटों पर निर्दलीय उम्मीद्वार जीते. वहीं खालिद जिया की पार्टी ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था. शेख हसीना 5वीं बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं लेकिन 6-साढे छह महीने ही वो पद पर रह सकी. इसके बाद अगस्त में बांग्लादेशी छात्रों के आंदोलन ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया और जान बचाने के लिए उन्होंने मुल्क छोड़ दिया.
पाकिस्तान- पाकिस्तान में बांग्लादेश के बाद 8 फरवरी को चुनाव कराए गए. 336 सीटों में से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल) ने 75 सीटें जीतने में सफल हो गई. वहीं बिलावल भुट्टों की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटों पर जीतीं. बता दें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिली. उनके समर्थकों को निर्दलीय चुनाव लड़कर 100 सीटों पर जीत हासिल की. पाकिस्तान में पीएमएल-एन गठबंधन ने दूसरी बार सरकार बनाई और नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने.
श्रीलंका- श्रीलंका में 21 सितंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ. इस चुनाव में वामपंथी नेता अनुरा कुमार दिसानायके को भारी जीत हासिल हुई. उन्हें 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले. वहीं रानिल विक्रम सिंघे तीसरे स्थान पर रहे जबकि विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा दूसरे स्थान पर रहे. इसके बाद संसदीय चुनाव में भी राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) 225 सदस्यों वाली संसद में 123 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा छू लिया.
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