संयुक्त राष्ट्र के मंच से इजराइल ने यमन के हूती आंतकियों को खुली चेतवानी दी है. इजराइल ने दो टूक कहा है कि हूती आतंकी अपनी हरकतों से बाज आए, अगर बाज नहीं आते तो उनकी की वही हालत होगी जो सीरिया के बशर अल-असद, हमास और हिजबुल्लाह की हुई थी.
दरअसल, ईरानी समर्थित हूती आंतकी, लगातार इजराइल पर बार-बार हमले कर रहे हैं. इजराइल ने यूएन में बताया कि ईरान समर्थित इन हूती आतंकवादियों ने पिछले एक साल में 200 से ज्यादा मिसाइल और 170 ड्रोन हमले किए हैं. जिसकी वजह से इजराइल भड़क गया है और अब यूएन में इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने उन्हें आखिरी चेतावनी दी है. डैनी ने कहा कि हमारे पास ईरान के साथ ही मिडिल ईस्ट में किसी भी टार्गेट पर सटीक हमले करने की ताकत है. उन्होंने कहा किसी भी सूरत में ईरानी प्रॉक्सी हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
डैनन ने वॉर्निंग देते हुए कहा कि इजराइल अपने देश की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, अगर हूती विद्रोही सोचते हैं कि 2 हजार किलोमीटर की दूरी उन्हें मार से बचा सकती है तो वह गलत है. उन्होंने कहा पिछले एक साल हमने हमास, असद और हिजबुल्लाह के साथ क्या हुआ, शायद तुम्हे पता नहीं है. डैनन ने आगे कहा कि ये महज एक धमकी नहीं है. वादा है कि तुम्भे भी उसी दुर्भाग्य से गुजरना पड़ेगा.
बता दें मिडिल ईस्ट में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ईरान लगातार इस्लामिक आंकवादियों को फंडिंग करता है और उन्हें हथियार मुहैया कराता है. लेबनान में ईरान ने इजराइल के खिलाफ हिजबुल्लाह को पनाह दी तो फिलिस्तीन में हमास को फंडिंग कर रहा है. वहीं यमन में हूती आतंकियों को ईरान का फुल सपोर्ट है.
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