नई दिल्ली: नए साल की शुरुआत के साथ ही कई चीजें बदलेंगी, वहीं कुछ नियमों में भी बदलाव होगा. इनमें जीएसटी के नियम, पेंशन, यूपीआई लिमिट समेत कई नियम शामिल हैं. एक जनवरी से नए नियमों के तहत कई कामकाज होंगे.
जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक 1 जनवरी से जीएसटी से जुड़े कई नियमों में परिवर्तन होने वाला है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) का है. एमएफए की प्रक्रिया जीएसटी फाइल करने वाले सभी करदाताओं पर लागू होगी. इसका उद्देश्य जीएसटी फाइल करने की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाना है.
इसी तरह 1 जनवरी से बेसिक फोन या पुश बटन फोन के जरिए अपने बैंक अकाउंट से पैसा ट्रांसफर करने वाले टेलीफोन यूजर्स के लिए यूपीआई 123 पे की लिमिट 10,000 रुपये कर दी गई है. पहले यूपीआई 123 पे के तहत टेलीफोन यूजर्स अधिकतम 5,000 रुपये ट्रांसफर कर सकते थे.
पेंशन प्लान के मामले में भी बड़ा अपडेट है. 1 जनवरी से ईपीएफओ ने पेंशन के नियमों को सरल कर दिया है. इसके तहत अब किसी भी बैंक से कर्मचारी अपने पेंशन की रकम को निकाल सकेंगे. ईपीएफओ के इस नियम से पेंशन की रकम निकालना काफी आसान हो जाएगा. इसके लिए कर्मचारियों को किसी भी अतिरिक्त सत्यापन की जरूरत नहीं होगी.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद लिए गए फैसले में किसानों के लिए बिना गारंटी लोन की सीमा बढ़ाने की भी मंजूरी दी गई थी. इसके तहत 1 जनवरी से किसान अब बिना गारंटी के 2 लाख रुपये तक कर्ज ले सकेंगे. पहले बिना गारंटी के किसानों को 1.60 लाख रुपये तक लोन मिलता था, लेकिन अब इसकी सीमा 2 लाख कर दी गई है.
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भी बदलाव कर सकती हैं. हर महीने की पहली तारीख को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां घरेलू और कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों को रिवाइज करती है। इसके बाद कीमतों को घटाया या बढ़ाया जा सकता है. कई बार ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों में बदलाव नहीं भी करती हैं या कई बार किसी एक ही श्रेणी के सिलेंडर की कीमत में बदलाव किया जाता है. हालांकि इसकी ठोस जानकारी कल यानी 1 जनवरी को ही मिलेगी.
1 जनवरी से ही फिक्स डिपॉजिट (एफडी) के नियमों में भी बदलाव होने वाला है. भारतीय रिजर्व बैंक में नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए एफडी से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. ये बदलाव फिक्स डिपॉजिट में जमा की गई रकम को परिपक्वता की तारीख से पहले ही निकाल लेने से संबंधित है.
1 जनवरी से कई वाहन निर्माता कंपनियां अपनी गाड़ियों की कीमत में भी बदलाव कर रही हैं. इसके कारण कुछ कंपनियों की कारें महंगी हो सकती हैं. बताया जा रहा है कि महिंद्रा, होंडा, मारुति सुजुकी और हुंडई जैसी कंपनियां 1 जनवरी से अपनी गाड़ियों की कीमत में तीन प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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