नई दिल्ली: भारत ने पिछले महीने दक्षिणी प्रशांत महासागर में आए विनाशकारी भूकंप में बड़े पैमाने पर जानमाल के नुकसान से पीड़ित द्वीपीय देश वानुआतु को पांच लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 4.28 करोड़ रुपये) की तत्काल राहत सहायता देने की घोषणा की है.
विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा कि 17 दिसंबर 2024 को दक्षिण प्रशांत महासागर में वानुआतु के तट के पास 7.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे भारी तबाही हुई और जानमाल का नुकसान हुआ. भारत ने इस अभूतपूर्व आपदा से हुई क्षति और विनाश के लिए वानुआतु की सरकार और लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और इस कठिन समय में हर संभव सहायता और सहयोग देने के लिए अपनी तत्परता व्यक्त की.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तहत एक करीबी मित्र और भागीदार के रूप में और वानुआतु के मैत्रीपूर्ण लोगों के साथ एकजुटता के संकेत के रूप में भारत सरकार राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों का समर्थन करने के लिए 500,000 अमेरिकी डॉलर की राहत सहायता प्रदान करती है.
मंत्रालय ने कहा कि भारत प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई कठिनाई और तबाही के समय वानुआतु के साथ मजबूती से खड़ा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नवंबर 2019 में घोषित भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) का एक महत्वपूर्ण स्तंभ आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन है. भारत मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए प्रतिबद्ध है और इस क्षेत्र में एक जिम्मेदार और दृढ़ प्रतिक्रियाकर्ता बना हुआ है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार वानुआतु में 1800 नॉन रेजिडेंट इंडियन (एनआरआई) रहते हैं. पिछले करीब डेढ़ साल में 18 भारतीयों ने वहां की नागरिकता हासिल की है. वानुआतु भारतीयों और संयुक्त अरब अमीरात के लोगों के लिए पॉपुलर डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. यहां यूरोपीय और एशियाई देशों के लोग सबसे ज्यादा रहते हैं. यह दूसरे देशों के मुकाबले कम खर्चीला है और यहां के पासपोर्ट के जरिए दुनिया के 55 देशों में यात्रा की जा सकती है.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें- अमेरिका में 24 घंटे के अंदर 3 बड़े हमले, क्ववींस के क्लब में हुई ताबड़तोड़ फायरिंग
कमेंट