ढाका: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 11 अन्य लोगों के खिलाफ सोमवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आईसीटी ने जिन लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया है, उनमें सेना के पूर्व जनरल और एक पूर्व पुलिस प्रमुख समेत 11 नाम शामिल है. इन सभी पर कथित जबरन गुमशुदगी के मामलों में भूमिका निभाने का आरोप है.
शेख हसीना के खिलाफ यह आईसीटी द्वारा जारी किया गया दूसरा गिरफ्तारी वारंट है. पिछले साल अगस्त में अवामी लीग सरकार के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था और देश छोड़ भारत में शरण लेनी पड़ी थी. तब से अबतक आईसीटी उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज कर चुका है. शेख हसीना पर आरोप है कि उनके समय में बांग्लादेश के सुरक्षाकर्मियों ने कथित रूप से 500 से ज्यादा लोगों का अपहरण किया. इनमें से कुछ लोगों को कई वर्ष तक गोपनीय ठिकानों पर हिरासत में रखा गया.
आईसीटी के एक अधिकारी ने कहा, ‘न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजुमदार ने अभियोजन पक्ष की याचिका पर सुनवाई के बाद यह गिरफ्तारी वारंट जारी किया. पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को शेख हसीना सहित 12 लोगों को गिरफ्तार करने और 12 फरवरी को उन्हें अधिकरण में पेश करने आदेश दिया गया है.’
जबरन गुमशुदगी की शिकायतों से जुड़े इस मामले में शेख हसीना के पूर्व रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्धिक और पूर्व आईजीपी बेनजीर अहमद, सहित अन्य का नाम शामिल है. सिद्धिक अभी हिरासत में हैं, वहीं अहमद को फरार माना जा रहा है.’
बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के द्वारा हाल ही में भारत सरकार से पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए एक राजनयिक नोट भेजा गया था. इतना ही नहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने इस बारे में 23 दिसंबर को कहा था कि हमने इस बारे में भारत को अवगत करा दिया है और न्यायिक उद्देश्यों के मद्देनजर शेख हसीना की वापस के लिए अनुरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक रायनयिक नोट के जरिए संप्रेषित किया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें- वेस्ट बैंक में इजराइली बस पर हमला, 3 की मौत… PM नेतन्याहू बोले- किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा
ये भी पढ़ें- नेपाल में 7.1 तीव्रता का जोरदार भूकंप… बिहार, पश्चिम बंगाल में भी महसूस किए गए झटके
कमेंट