कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा की घोषणा कर दी है. अब वह बतौर कार्यवाहक पीएम के तौर पर कार्य कर रहे है. जैसे ही नए प्रधानमंत्री का चयन कर लिया जाएगा. ट्रूडो कुर्सी छोड़ देंगे. इसके साथ उन्होंने लिबरल पार्टी के नेता पद से भी रिजाइन किया है. कई दिनों से इस्तीफा देने का जवाब झेल रहे ट्रूडो ने आखिर में इस्तीफा दे ही दिया. ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे कई कारणों का जिक्र हो रहा है. इस कारणों में डोनाल्ड ट्रंप की ट्रोलिंग से लेकर लेबरल पार्टी में ट्रूडो के खिलाफ उठे बगावत के सुरों के साथ उनकी गलत नीतियां भी शामिल हैं.
ट्रंप की ट्रोलिंग से कनाडा में फजीहत
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले दिनों लगातार जस्टिन ट्रूडो को ट्रोल करते नजर आ रहे हैं. ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद कनाडा को अमेरिका का 51वें राज्य बताया था और टूड्रो को उसका गवर्नर कहकर संबोधित किया था. ट्रंप का मतलब साफ था कि वह कनाडा को अमेरिका का ही एक प्रांत मानते हैं. वहीं जब ट्रूडो, ट्रंप से मिलने पहुंचे तो ट्रंप ने सोशल मीडिया में मुलाकात की तस्वीरें शेयर करते हुए ट्रूडो को फिर से अमेरिकी राज्य का गवर्नर बताया दिया. ट्रंप की इस प्रकार बार-बार ट्रोलिंग से कनाडा के अंदर ट्रूडो की छवि धूमिल होती गई. इतना ही नहीं ट्रंप ने कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की भी धमकी दी थी.
लिबरल पार्टी में बगावत के सुर
जस्टिन ट्रूडो की नीतियों के विरूद्ध उन्हीं की रूलिंग पार्टी लिबरल पार्टी के नेताओं में नाराजगी देखी गई. असंतोष इस कदर था कि 2024 के अंत में ट्रूडो कैबिनेट से मंत्रियों के इस्तीफा देने की झड़ी लग गई. सबसे पहले 19 नवंबर को परिवहन मंत्री पाब्लो रोड्रिग्ज ने इस्तीफा दिया फिर 20 नवंबर 2024 को अल्बर्टा के सांसद रैंडी बोइसोनॉल्ट ने रिजाइन किया. इसके बाद 16 दिसंबर 2024 को क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने उप प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. दिग्गजों के इस्तीफों ने ट्रूडो पर दबाव बनाया. बता दें दिसंबर महीने में लिबरल पार्टी में ट्रूडो के खिलाफ विद्रोह जैसी स्थिति देखते को मिली थी. लिबरल पार्टी के 51 सांसदों ने एक मीटिंग में सहमति जताई और कहा कि अब ट्रूडो को अपना पद छोड़ देना चाहिए.
खराब होते अंतरराष्ट्रीय संबंध
ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान, कनाडा के अन्य देशों के साथ रिश्ते बिगड़ते चले गए. ट्रूडो ने इस दौरान भारतीय एजेंसियों पर अलगाववादी निज्जर की हत्या का झूठा आरोप लगाया तो वहीं इजराइल और नेतन्याहू के खिलाफ बयानबाजी करने से बाज नहीं आएं. ट्रूडो ने धमकी दी थी कि अगर नेतन्याहू कनाडा आते हैं तो वह अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट के वारंट का पालन करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे. उनके इस बयान के बाद अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ट्ऱडो को चेतावनी भी दी थी.
कनाडा में महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी
कनाडा को लोग इस समय महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. कोविड के बाद कनाडा में बेरोजगारी दर लगभग 6.5 प्रतिशत पहुंच गई है. आवास की कीमत आसमान छू रही है. ट्रडो सरकार की नीतियों की कारण अर्थव्यवस्था चौपट होने के कगार पर है. आम लोगों में भी ट्रूडो के खिलाफ गुस्सा है.
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