चुनाव आयोग ने मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की. राजधानी में एक ही चरण में सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी पर मतदान होगा. वहीं 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इसके साथ ही यूपी की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी 5 फरवरी को कराया जाएगा. चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आय़ुक्त राजीव कुमार ने सियासी दलों को द्वारा ईवीएम, वोटर लिस्ट और वोटर टर्नआउट को लेकर लगाए गए आरोपों का चुन-चुन कर जवाब दिया. बता दें दिल्ली चुनाव राजीव कुमार के कार्यकाल का आखिरी चुनाव है. वह 18 फरवरी को रिटायर होने वाले हैं.
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने-हटाने की प्रक्रिया
मुख्य चुनाव आयुक्त ने सबसे पहले वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने के आरोपों पर अपनी बात रखी. उन्होंने जबरन नाम जोड़ने और हटाने के आरोप का सिरे से खंडन किया और पूरी प्रक्रिया से देश को अवगत कराया. चीफ इलेक्शन कमीश्नर ने कहा कि जब भी इलेक्टोरेल रोल बनता है. पॉलिटिकल पार्टियां और उनके उनके प्रत्याशी हमेशा चुनाव आयोग के संपर्क में रहते है. वहीं उन्होंने कहा कि सभी पार्टी बीएलए की नियुक्ति कर सकती है और उसके बाद शिकायतों की सुनवाई की जाती है.
राजीव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि नाम जोड़ने के लिए फॉर्म 6 और फील्ड वैरिफिकेशन कराया जाता है. इस लिस्ट की ड्राफ्ट कॉपी भी वेबसाइट पर अपलोड होती है ताकि शिकायतों की सुनवाई की जा सके. चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिना फॉर्म 7 के किसा का भी नाम लिस्ट से हटाया ही नहीं जा सकता है. अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसका डेथ सार्टिफिकेट भी बीएलओ के माध्यम से लगाकर रखते हैं वहीं अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट से हटाना है तो उसे नोटिस दिया जता है और इसकी जानकारी वेबसाइट पर भी डाली जाती है जिससे वह व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सके.
शायराना अंदाज में नजर आए राजीव कुमार
इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार शायरी पढ़कर भी सियासी दलों को जवाब दिया. उन्होंने कहा, कर न सके इकरार तो कोई बात नहीं, मेरी वफा का उनको ऐतबार तो है, शिकायत भले ही उनकी मजबूरी हो, मगर सुनना,सहना और सुलझाना हमारी आदत तो है.
ईवीएम को बताया पूरी तरह से फुल प्रूफ
राजीव कुमार ने कहा कि हर साल अक्टूबर के महीने में वोटर लिस्ट का वैरिफिकेशन कराया जाता है साथ ही पॉलिटिकल पार्टियों को लिस्ट भी सौंपी भी जाती है. पोलिंग स्टेशनों पर भी ड्राफ्ट कॉपी पब्लिश की जाती है. जिससे हर शिकायत का समाधान किया जा सके.
मुख्य चुनाव आय़ुक्त ने ईवीएम पर सवाल उठाने को बेबुनियाद बताया. उनहोंने कहा कि ईवीएम पूर तरह से फुल प्रूफ है. इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकती. राजीव कुमार ने बताया कि मतदान से एक सप्ताह पहले पॉलिटिकल पार्टियों के एजेंट की मौजूदगी में ईवीएम में सिंबल डाले जाते है. इस दौरान एजेंटो पर मॉक पोल करने की छूट होती है. इसके बाद ईवीएम को सील कर स्ट्रॉग्ग रूम में रखा जाता है और वोटिंग के दिन भी दोबारा मॉक पोल होता है. चीफ इलेक्शन कमीश्नर ने बताया कि वोटिंग के बाद एजेंटों को फॉर्म 17 सी दिया जाता और काउंटिंग से पहले उसका मिलान भी कराया जाता है. उन्होंने बताया कि अगर मिलान नहीं होता तो काउंटिंग हो ही नहीं सकती. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि मतगणना से पहले कुछ वीवीपैट पर्चियों का भी मिलान कराया जाता है.
राजीव कुमार ने कहा यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है कि ईवीएम के जरिए पूरी पारदर्शिता और निष्पक्ष तरीके के वोटिंग कराई जाती है. विपक्षी दलों की बैलेट पेपर से चुनाव की मांग पर उन्होंने कहा कि यह मांग गैरजरूरी है और भारत की चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने जैसी है.
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के बयानों का जिक्र
राजीव कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी ईवीएम को लेकर सियासी दलों की सभी शंकाओं को दूर किया है. उन्होंने कहा कि माननीय कोर्ट बोल चुके हैं कि ईवीएम हैक नहीं की जा सकती, वायरस या बग की शिकायतों सहित किसी भी प्रकार की हेरफेर को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
वोटर टर्नआउट के आरोपों का भी दिया जवाब
वोटर टर्नआउट में आने वाले अंतर का भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने बैकाकी से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मतदान खत्म होने के बाद से पोलिंग स्टेशन बंद करने और ईवीएम को लॉक करने का काम किया जाता है. इसलिए शाम 6 बजे आया वोटर टर्नआउट फाइनल नहीं माना जा सकता है. उसमें रात 11 बजे तक अपडेट होते हैं. उन्होंने बताया कि कई पोलिंग पार्टी रात में लेट तक आती है तो सुबह फिर से वोटर टर्नआउट का अपडेट डाटा दिया जाता है.
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