संगम नगरी प्रयागराज में आस्था का महाकुंभ शुरू हो चुका है. आज पौष पूर्णिया के अवसर पर लाखों की संख्या में दूर-दूर से आए श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगा रहे हैं. बताया जा रहा है कि 1 करोड़ लोग आज गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे. बता दें महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. इस बार तीर्थ राज में 45 करोड़ श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद हैं. आज से सभी अखाड़े संगट तट पर कल्पवास करेंगे. वहीं कल मकर सक्रांति के अवसर पर शाही स्नान होगा. नियम के अनुसार, सबसे पहले जूना अखाड़ा शाही स्नान करेगा. फिर एक-एक करके सभी अखाड़े संगम में डुबकी लगाएंगे. महाकुंभ के प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंताजामात किए हुए हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिस की कड़ा पहरा है. हर संदिग्ध चीज पर पैनी नजर रखी जा रही है. आइए इस बार महाकुंभ क्यों खास रखने वाला है. इस पर नजर डालते हैं.
1. शाही स्नान का महत्व- 12 वर्ष बाद होने वाले महाकुंभ में शाही स्नान का अपना विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि शाही स्नान के दौरान पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पापों का प्रायश्चित होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा भी कहा जाता है इससे आध्यात्म शक्ति में वृद्धि होती है.
2. इस बार बन रहा दुर्लभ संयोग- ज्योतिष के अनुसार इस बार का महाकुंभ काफी शुभ माना जा रहा है. ऐसा बताया जा रहा है कि 144 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है. सूर्य, चंद्रमा, शनि और बृहस्पति जैसे ग्रहों की शुभ स्थिति है. ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसा खगोलीय संयोग समुद्र मंथन के दौरान बना था. इसलिए यह महाकुंभ और भी ज्यादा दिव्य हो जाता है.
3. दूर-दूर से साधु-संतो का लगा तांता- महाकुंभ में स्नान करने के लिए दूर-दूर से साधु संत त्रिवेणी पहुंच रहे हैं. मेले में साधु-संतों, नागा बाबाओं के अलग-अलग रंग और रूप देखने को मिल रहे हैं. कोई पेशवाई में अपने अनूठे करतब से अभिभूत कर रहा है तो कोई अपने अनूठे संकल्पों, प्रणों और हठ योग के कारण चर्चा में है.
4. महाकुंभ में अखाड़ों की परंपरा- महाकुंभ में 13 अखाड़े हैं. जिन्हें शैव, वैष्णव और उदासीन तीन श्रेणियों में बांटा गया है. शैव संप्रदाय के कुल 7 अखाड़े हैं. वैष्णव संप्रदाय के 3 और उदासीन संप्रदाय के 3 अखाड़े हैं. बताया जाता है कि शंकराचार्य ने सनातन की रक्षा के लिए शस्त्र विद्या में निपुण साधुओं के संगठन बनाए थे. जिन्हें अखाड़ा कहा जाता है.
5. इन तिथियों को भी होगा शाही स्नान- महाकुंभ में मकर संक्रांति के बाद कई और तिथियों को भी शाही स्नान होगा. इनमें 29 जनवरी को ‘मौनी अमावस्या’, 3 फरवरी को ‘बसंत पंचमी’, 12 फरवरी को ‘माघी पूर्णिमा’ और 26 फरवरी को ‘महाशिवरात्रि’ हैं. महाशिवरात्रि के दिन ही शाही स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन होगा.
6. मेडिकल इमरजेंसी से निपटने का इंतजाम- वहीं मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं का खासकर ख्याल रखा है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रत्येक सेक्टर में एक मैन हॉस्पिटल और इसके साथ 20 बेड वाला एक अस्पताल भी बनाया गया है.
7. सुरक्षा के इंतजाम- मेले में 7 स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है. यूपी पुलिस के जवाने के साथ, एनएसजी कमांडो और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात है. सभी घाटों पर 300 से अधिक गोताखोरों को तैनात किया गया है. कई वाटर एम्बुलेंस भी तैनात की गई हैं. 133 ड्रोन भी तैनात किए गए हैं.
8. रेलवे ने की बड़ी व्यवस्था- रेलवे ने महाकुंभ के लिए 3 हजार स्पेशल ट्रेने शुरू की है. ये ट्रेने 13 हजार फेरे लगाएंगी. प्रयागराज के अलावा 8 सब-स्टेशन बनाए गए हैं. लखनऊ, अयोध्या और जौनपुर की तरफ से आने वाली ट्रेनों को फाफामऊ स्टेशन, प्रयाग स्टेशन और प्रयागराज संगम स्टेशन पर रोका जाएगा. शाही स्नान वाले दिनों पर ट्रेनों को प्रयागराज संगम स्टेशन तक नहीं जाने दिया जाएगा. लवे ने महाकुंभ के लिए टोल फ्री नंबर 1800 4199 139 जारी किया है. महाकुंभ के लिए रेलवे से जुड़ी किसी भी तरह की पूछताछ इस नंबर पर की जा सकती है.
9. श्रद्धालुओं के लिए ठहरने का इंतजाम– महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने ठहरने की व्यवस्था की है. मेला क्षेत्र में 10 लाख लोगों के रूकने का इंतजाम किया गया है. मुफ्त और पैसे देकर दोनों तरह से ठहरने का इंतजाम है. अगर आप लग्जरी रूप में ठहराना चाहते हैं. डोम सिटी में पैसे देकर ठहर सकते हैं. 80 हजार से लेकर सवा लाख रूपये आपको चुकाने होंगे. वहीं 2 हजार कैंप वाली टैंट सिटी भी बसाई गई है.
10. मेले के लिए एप्लिकेशन- महाकुंभ 2025 की ऑफिशियल ऐप ‘Maha Kumbh Mela 2025’ गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. इस ऐप में महाकुंभ से जुड़ी सारी जानकारियां हैं साथ ही मेले का पूरा मैप भी है. इसमें संगम के आसपास मंदिरों को भी दर्शाया गया है. जिससे श्रद्धालुओं को सहुलियत होगी.
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