भारतीय सेना प्रमुख जरनल उपेंद्र द्विवेदी (Indian Army Chief Gen Upendra Dwivedi) ने सोमवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब करते हुए कहा कि पाकिस्तान पूरी तरह से आतंकवाद का केंद्र है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक्टिव 80 प्रतिशत आतंकवादी पाकिस्तान से ही आए हुए हैं. आर्मी चीफ ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मेरा एक ही मिशन है देश की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना को आत्मनिर्भर फोर्स के रुप में तैयार करना.
#WATCH | दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “मैं सबसे पहले मुद्दों पर बात करूंगा और उत्तरी सीमाओं से शुरुआत करूंगा, जैसा कि आप जानते हैं कि स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है। अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में स्थिति सुलझ गई। इन दो उप-क्षेत्रों… pic.twitter.com/lRriGUdk1j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 13, 2025
उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले मुद्दों पर बात करूंगा और शुरुआत उत्तरी सीमाओं से करुंगा. जैसा कि आप सब जानते हैं कि स्थिति संवेदनशील है लेकिन स्थिर है. अक्टूबर महीने में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक की स्थिती सुलझ गई थी. मैंने अपने सभी कमांडर्स को ग्राउंड लेवल पर किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार कर लिया है.
60 प्रतिशत आतंकवादी पाकिस्तानी
#WATCH | दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “…पिछले साल मारे गए 60% आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के थे। आज की स्थिति में, घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकवादी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80% या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं… जम्मू-कश्मीर की बात करें… pic.twitter.com/hHKaJ5drNA
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आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने कहा “पिछले साल मारे गए आतंकवादी में से 60 प्रतिशत आतंकी मूल रुप से पाकिस्तान के थे. आज की स्थिती में इस घाटी और जम्मू में जो भी आतंकी बचे है उनमें से 80 प्रतिशत आतंकी पाकिस्तान मूल के हैं.”
जम्मू-कश्मीर के हालात पर की बात
उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर की बात करें, तो अभी वहां की स्थिति पूरी तरह से स्थिर है. नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर डीजीएमओ के बीच सहमति बनने के बाद साल 2021 फरवरी से प्रभावी संघर्ष विराम (सीजफायर) जारी है. लेकिन आतंकी ढांचा और पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें अभी भी जारी है.
आगे उन्होंने बोला कि हाल की दिनों में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ में आतंकी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही है. वहीं हमने इस बार अरमनाथ यात्रा में 5 लाख से ज्यादा यात्रियों को देखा गया है. अब यहां धीरे-धीरे टेरिज्म से टूरिज्म की थीम बनती हुई नजर आ रही है. पिछले साल शातिंपूर्ण ढंग से जम्मू-कश्मीर में हुए लोकसभा-विधानसभा चुनाव भी एक सकरात्मक बदलाव का संकेत हैं.
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