नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से अपने निवास पर मुलाकात की. इस दाैरान उन्हाेंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर याद दिलाया था कि 2015 में प्रधानमंत्री ने जाट समाज को केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में शामिल करने का आश्वासन दिया था. अभी दिल्ली का जाट समाज दिल्ली सरकार में ओबीसी की कैटेगरी में आता है लेकिन केंद्र की ओबीसी की लिस्ट में नहीं आता है. हमने प्रधानमंत्री से दिल्ली के जाट समाज केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी डालने का अनुरोध किया है.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी भी कॉलेज में राजस्थान के जाट समाज को आरक्षण मिलता है लेकिन दिल्ली के जाट समाज को नहीं मिलता है. क्योंकि राजस्थान का जाट समाज केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में शामिल है लेकिन दिल्ली का जाट नहीं शामिल है. इससे बड़ी विसंगति व अन्याय और क्या हो सकता है. दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के सभी संस्थानों एम्स, सफदरजंग, एनडीएमसी और डीडीए में राजस्थान के जाट समाज को आरक्षण मिलता है लेकिन दिल्ली के जाट समाज को नहीं मिलता है.
केजरीवाल से मुलाकात के दाैरान अंतरराष्ट्रीय दूहन खाप के प्रधान सतपाल सिंह दूहन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में बात हुई. 2004 से हम केंद्र की ओबीसी सूची में जाट समाज को शामिल करने की मांग उठा रहे हैं. इस बीच कई सरकारें आईं और गईं. जाट समाज को ओबीसी में आरक्षण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी आश्वासन दिया था लेकिन आश्वासन पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के मुंह से निकला हुआ एक-एक शब्द पत्थर की लकीर होता है. उन्होंने दिल्ली की जनता से वादे किए थे, जिन्हें पूरा किया. जनता ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया.
सतपाल सिंह दूहन ने कहा कि हमारी मुख्य मांग यह है कि देश में बाकी राज्यों से दिल्ली आने वाले बच्चे का यहां के स्कूलों और अस्पतालों में दाखिला हो जाता है, जबकि दिल्ली के हमारे समाज के बच्चे इससे वंचित हैं. आज की हमारी मुख्य मांग यही थी कि हमें हमारे अधिकार मिलने चाहिए. इससे पहले हरियाणा, राजस्थान और उप्र में जाट समाज के लिए 2016 में आंदोलन के लिए जिन अधिकारों की मांग की गई थी, इसको लेकर भी हमने अरविंद केजरीवाल से अपील की थी कि वह पूरे भारत में पूरे जाट समाज की लड़ाई लड़ने का काम करें. अरविंद केजरीवाल भी इसके लिए तैयार थे. हमारे कहने से पहले भी वो इसके लिए तैयार थे कि वह मरते दम तक जाट समाज की लड़ाई लड़ेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार
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