देश की राजधानी दिल्ली में आगामी 5 फरवरी को विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन काम होना का दावा कर रही है. आप का कहना है कि उसके वर्ल्ड क्लास मोहल्ला क्लीनिक सभी सरकारों के लिए मिसाल है लेकिन जमीनी सच्चाई है कि मोहल्ला क्लीनिक, सरकारी व्यवस्थाओं की कमियों का शिकार हो गए हैं. मोहल्ला क्लीनिक में दवाईयों की भारी कमी है. जिसकी वजह से मरीजों की संख्या में गिरावट नजर आ रही है. इंडियन एक्सप्रेस को आरटीआई दायर कर पता चला है कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में पिछले साल के मुकाबले 28 प्रतिशत मरीजों की संख्या में गिरावट हुई है. आकंड़ों पर गौर किया जाए तो साल 2023 में 1.94 करोड़ लोगों ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में इलाज करवाया था लेकिन 2024 में यह आंकड़ा गिर कर 1.39 करोड़ ही रह गया.
बता दें दिल्ली में 546 मोहल्ला क्लीनिक है लेकिन यह सभी दवाईयों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. देखा यह भी गया है कि किसी-किसी महोल्ला क्लीनिक में डॉक्टर्स भी नहीं मिलते. यही कारण है कि लोग मोहल्ला क्लीनिक नहीं जा रहे हैं. दिल्ली सरकार ने पिछले साल दवाईयों पर महज 5 करोड़ रूपये खर्च किए थे. जबकि 2023 में 164 करोड़ रूपये खर्च किए गए थे.
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