तेल अवीव: इजराइल और हमास के बीच गाजा पट्टी में जारी युद्ध को रोकने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को धक्का लगा है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने दावा किया है कि हमास युद्धविराम समझौता के कुछ बिंदुओं से पीछे हट रहा है. इसलिए युद्धविराम समझौते को कैबिनेट की मंजूरी मिलने में देरी हो रही है. इस बीच इजराइल में लोगों ने युद्धविराम का विरोध शुरू कर दिया है. यरुशलम में 16 जनवरी को विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के बाहर सड़क पर इजराइल के झंडे से लिपटे ताबूत स्थापित किए गए.
द टाइम्स ऑफ इजराइल ने अपनी संक्षिप्त खबर में इजराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय के दावे पर हमास की प्रतिक्रिया भी दी है. हमास के अधिकारी ने इजराइल के आरोप को मानने से इनकार कर दिया है. हमास के इस अधिकारी ने कहा कि संगठन समझौते के पालन के लिए प्रतिबद्ध है. इस बीच एक अमेरिकी अधिकारी ने वाशिंगटन में कहा कि समझौते के कार्यान्वयन पर आगे चर्चा के लिए मध्यस्थ गुरुवार को काहिरा में एक बैठक करेंगे. इसमें मध्यस्थ देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
कतर ट्रिब्यून समाचार पत्र की खबर के अनुसार, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने उम्मीद जताई है कि गाजा पट्टी में युद्धविराम समझौते की घोषणा से फिलिस्तीन में विनाश को रोकने में मदद मिलेगी. गल्फ टाइम्स के अनुसार, कतर के प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी ने घोषणा की कि कतर, मिस्र और अमेरिका के संयुक्त प्रयासों से फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजराइल के बीच गाजा में युद्धविराम और बंधकों की अदला-बदली का समझौते का मसौदा सभी पक्षों को भेज दिया गया है. इसके 19 जनवरी से प्रभावी होने के आसार हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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