नई दिल्ली: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार के बाद शुक्रवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) तीन की पाबंदियां हटाने का फैसला किया.
ग्रैप-3 के तहत दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य और किसी भी तरह की तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती हैं. गैर जरूरी खनन गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहता है. इसके साथ ही अन्य प्रतिबंध भी लगाए जाते हैं. आयोग ने एक दिन पहले गुरुवार को ग्रैप-4 की पाबंदियां हटा दी थीं.
सीएक्यूएम ने बताया कि एक्यूआई में सुधार हुआ है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 दर्ज किया गया जो कि ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू करने के नियम से 61 प्वाइंट कम था. अगले कुछ दिन तक राजधानी में हवा की गति बनी रहेगी, जिसके कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार होगा. हालांकि ग्रेप-1 एवं 2 की पाबंदियां लागू रहेंगी.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान एक आपातकालीन योजना है. इसका मकसद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करना है. यह योजना एक्यूआई के आधार पर लागू की जाती है. प्रदूषण के बढ़ने के साथ-साथ, ग्रेप के अलग-अलग चरण लागू किए जाते हैं. ग्रेप के तहत प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, जिसमें आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में डीज़ल जनरेटर पर रोक, पार्किंग शुल्क बढ़ाना, सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की फ़्रीक्वेंसी बढ़ाना, लोगों से निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील, जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्यों पर रोक, खुले में लकड़ी या कूड़ा न जलाना शामिल हैं.
ग्रेप पद्धति को साल 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकृति दी थी. साल 2017 में इसे अधिसूचित किया गया था. इस योजना को लागू करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की 13 एजेंसियों को एक साथ काम करना होता है.
हिन्दुस्थान समाचार
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