देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) 27 जनवरी (सोमवार) को लागू की जाएगी. ढाई साल की तैयारियों के बाद यूसीसी लागू करने के लिए सभी आवश्यक प्रक्रिया को पूरी कर ली गई हैं जिसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है. इसी के साथ उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बनेगा जहां यह कानून प्रभावी होगा. समान नागरिक संहिता के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में 27 जनवरी से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाएगी, जिससे उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बनेगा जहां यह कानून प्रभावी होगा. यूसीसी लागू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है. यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे. समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री की ओर से देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है. समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है.”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे. समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री की ओर से देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है. समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति,धर्म,लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है.”
सोमवार को मुख्य सेवक सदन से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोपहर साढ़े बारह बजे यूसीसी पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद से विवाह, तलाक, लिव इन, लिव इन से अलग होना, विरासत आदि के ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिए जएंगे. गृह सचिव की ओर से शनिवार को जारी पत्र में सभी संबंधित विभागों और पुलिस अधिकारियों को इस कार्यक्रम में उपस्थित होने को कहा गया है. इसी के साथ उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी.
12 फरवरी 2022 को विस चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी लाने की घोषणा की भी. मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी लाए जाने पर फैसला लिया. मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति बनी. समिति ने अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी थी. इसके बाद आठ मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया. विधानसभा से पास होने के बाद इस इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया. इस अधिनियम पर 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति का अनुमोदन मिला. इसके बाद यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गईं. नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में आज 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली सौंपी. नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए. यूसीसी की नियमावली को अंतिम रुप देकर 20 जनवरी को मंत्रिमंडल ने इसे पास कर दिया. बीते कई दिनों से इसके पोर्टल पर पंजीकरण को लेकर विभिन्न स्तरों पर मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई.
यूसीसी की तैयारियां: 43 हितधारकों और 72 गहन विचार विमर्श बैठकें की गईं. 49 लाख एसएमएस और 29 लाख व्हाट्सएप मैसेस के साथ 2.33 नागरिकों ने इसके लिए सुझाव मिलने के साथ ही 61 हजार पोर्टलों पर सुझाव मिले. इसके अलावा 36 हजार सुझाव डाक और 1.20 लाख सुझाव दस्ती और 24 हजार ई-मेल के माध्यम से सुझाव आए.
हिन्दुस्थान समाचार
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