सियोल: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल को पिछले महीने विद्रोह का नेतृत्व करने के आरोप में कल दोषी ठहराया गया. वह अल्पकालिक मार्शल लॉ की घोषणा करने के बाद आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं. येओल महाभियोग का भी सामना कर रहे हैं. पूर्व रक्षामंत्री और कई सैन्य जनरलों और पुलिस प्रमुखों को भी हाल ही में दोषी ठहराया जा चुका है. इन सभी पर येओल को अपराध करने में मदद करने का आपराधिक आरोप है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, अभियोजकों ने येओल को औपचारिक रूप से दोषी ठहराया है. येओल 26 जनवरी को संवैधानिक न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए. संवैधानिक न्यायालय इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या संसदीय महाभियोग वैध था और क्या उन्हें औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद से हटा दिया जाना चाहिए. जनमत सर्वेक्षणों में अधिकांश दक्षिण कोरियाई नागरिक महाभियोग को मंजूरी देने के पक्ष में हैं.
द कोरिया टाइम्स की खबर के अनुसार, येओल को मार्शल लॉ घोषणा की विफलता से जुड़े विद्रोह का नेतृत्व करने के आरोप में रविवार को दोषी ठहराया गया. इसी के साथ वह हिरासत और औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने वाले पहले मौजूदा राष्ट्रपति बन गए. 19 जनवरी को उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने उन्हें अदालत के आदेश पर औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया था. हिरासत अवधि समाप्त होने से ठीक एक दिन पहले अभियोजकों ने उन्हें दोषी ठहराया.
अभियोजकों ने येओल को केवल इस चिंता का हवाला देते हुए विद्रोह का नेतृत्व करने के आरोप में दोषी ठहराया है कि “संदिग्ध सबूत नष्ट कर सकता है.” येओल पर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप भी लगे, लेकिन यह आरोप हटा दिए गए हैं. कानून के तहत, राष्ट्रपति को विद्रोह के मामलों को छोड़कर पद पर रहते हुए अभियोजन से छूट प्राप्त है.
इससे पहले रविवार को, अभियोजक जनरल शिम वू-जंग ने इस मामले में अगले कदमों पर चर्चा करने के लिए देश भर के वरिष्ठ अभियोजकों के साथ एक बैठक की. प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों ने कहा कि विद्रोही नेता को अब न्यायाधीशों का उपहास नहीं करना चाहिए. येओल की कानूनी टीम ने अभियोजन के कदम की आलोचना की है.
हिन्दुस्थान समाचार
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