कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे योशिता राजपक्षे को कोलंबो की एक अदालत ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. उन्हें आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने 25 जनवरी की सुबह धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत बेलिएट्टा क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. अतिरिक्त मजिस्ट्रेट पवित्रा संजीवनी ने योशितो को आज तक के लिए सीबीडी को रिमांड पर दिया था.
श्रीलंका के समाचार पत्र डेली मिरर की खबर के अनुसार, अदालत ने योशिता राजपक्षे की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है. एक अन्य समाचार पत्र डेली न्यूज की खबर के अनुसार, कोलंबो की अतिरिक्त मजिस्ट्रेट मंजुला रत्नायके ने लंबे विचार-विमर्श के बाद यह आदेश जारी किया. उन्हें इसके लिए दो जमानत बांड जमा कराने के होंगे. साथ ही योशिता को हर महीने के आखिरी रविवार को सीआईडी के सामने उपस्थित होना होगा.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले योशिता को 28 दिसंबर को सीआईडी ने तीन जनवरी को बयान दर्ज कराने के लिए ऑफिस बुलाया था. यह पूछताछ कटारगामा में सरकारी स्वामित्व वाली भूमि के स्वामित्व के संबंध में की जानी थी. सीआईडी ने 27 दिसंबर को इस संबंध में महिंदा राजपक्षे के पूर्व निजी सुरक्षा अधिकारी मेजर नेविल वान्नियाराची के बयान दर्ज किए थे.
सीआईडी इस भूमि के स्वामित्व दस्तावेजों में की गई हेराफेरी की जांच कर रही है. 12 जून, 1988 को जन्मे योशिता श्रीलंकाई खिलाड़ी और पूर्व नौसेना अधिकारी हैं. वो श्रीलंका के प्रधानमंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. योशिता राजपक्षे को साल 2016 से किसी न किसी मामले में जांच का सामना करना पड़ा है. उन्हें फाइनेंशियल क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिवीजन (एफसीआईडी) ने 16 जनवरी, 2016 भ्रष्टाचार के आरोपों में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी श्रीलंका के स्पोर्ट्स, लाइफ स्टाइल और बिजनेस टेलीविजन चैनल काल्र्टन स्पोर्ट्स नेटवर्क (सीएसएन) में कथित फर्जीवाड़े पर की गई थी. योशिता के साथ पूर्व राष्ट्रपति के प्रवक्ता रोहन वेलिविता को भी हिरासत में लिया गया था. उन्हें कोलंबो हाई कोर्ट ने 14 मार्च, 2016 को जमानत प्रदान की थी.
हिन्दुस्थान समाचार
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