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उत्तराखंड UCC लागू करने वाला बना पहला राज्य, CM धामी ने पोर्टल और नियम का किया लोकार्पण

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) सोमवार को लागू हो गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोपहर सवा 01 बजे के करीब मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में यूसीसी को लागू करने के लिए नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Jan 27, 2025, 02:45 pm IST
UCC implement in Uttarakhand

UCC implement in Uttarakhand

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UCC implement in Uttarakhand: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) सोमवार को लागू हो गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोपहर सवा 01 बजे के करीब मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में यूसीसी को लागू करने के लिए नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया. इसी के साथ उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां यह कानून प्रभावी हो गया है. इसके बाद से विवाह, तलाक, लिव इन, लिव इन से अलग होना, विरासत आदि के ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गए। समान नागरिक संहिता के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था.

 

#WATCH देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC (समान नागरिक संहिता) पोर्टल और नियम लॉन्च किए। pic.twitter.com/2QzQDuzGAt

— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2025

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यूसीसी की नियमावली को संबंधित अधिकारियों के प्रशिक्षण के बाद लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे. समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री की ओर से देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है। इसके अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है.

यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि आज का दिन इतिहास लिखने का दिन है. नियमावली बनाने के दौरान ला कमीशन की रिपोर्ट से प्रेरणा ली गई. इसके साथ ही राज्यभर में दौरा कर संवाद किया गया. पारदर्शी और सरल बनाया गया. समय रहते यानी निर्धारित अवधि में इस नियम के तहत कार्य करने की व्यवस्था की गई है. शिकायत देरी पर एक्शन की व्यवस्था भी यूसीसी में किया गया है. विवाह विच्छेद का भी सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था की गई है. डेटा को सरल बनाया गया. निजी डेटा का भी ख्याल रखा गया है. अगर किसी को आपत्ति नहीं है तो उस व्यक्ति की उसके अनुसार उनकी डेटा की जानकारी ली जा सकती है. इस प्रकार की डेटा में व्यवस्था की गई है.

इस मौके पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि यूसीसी में सभी देवतुल्य जनता के हितों की चिंता करते हुए सरल बनाया गया है. समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इससे सभी वर्ग के लोगों को त्वरित न्याय मिलेगा. सभी सरकारी विभागों को नियमों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. अधिनियम के क्रियान्वयन के दौरान कोई भी समस्या आएगी उसका त्वरित निस्तारण किया जाएगा। अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड उदहारण बन गया है.

यूसीसी नियम के तहत पूजा-पद्धति और परंपराओं में कोई बदलाव नहीं किया गया. कोई भी शख्स बहुविवाह नहीं कर पाएगा. सभी के लिए तलाक का कानून एक जैसा होगा. लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराना भी जोड़ों के लिए अनिवार्य होगा. इस दौरान पैदा होने वाले बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा.

उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर की हिस्सेदारी होगी. यूसीसी में विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. इसके लिए कट ऑफ डेट 27 मार्च 2010 रखी गई है. यानी इस दिन से हुए सभी विवाह पंजीकृत कराने होंगे. विवाह का पंजीकरण छह माह के भीतर करना होगा. विवाह पंजीकरण करने के लिए किए गए आवेदन पर कानूनी स्वीकृति न मिलने पर विवाह का आवेदन स्वीकृत माना जाएगा. यूसीसी के नियम-कानून से अनुसूचित जनजाति को बाहर रखा गया है। ट्रांसजेंडर, पूजा-पद्धति व परंपराओं में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.

यूसीसी में सशस्त्र बलों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत यदि कोई सैनिक, वायुसैनिक या नौसैनिक विशेष अभियान में है, तो वह विशेषाधिकार वाली वसीयत कर सकता है। वह अपने हाथ से कोई वसीयत लिखता है और उसमें उसके हस्ताक्षर या फिर साक्ष्य नहीं है तो भी वह मान्य होगी। शर्त यह रहेगी कि इसकी पुष्टि होनी जरूरी है.

मुख्यमंत्री के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, रेखा आर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी दीपम सेठ के अलावा यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह सहित कई गण्यमान्य उपस्थित रहे।

विधानसभा चुनाव में धामी ने की थी घोषणा

मुख्यमंत्री धामी ने 12 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान यूसीसी लाने की घोषणा की भी। धामी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली मंत्रिमंडल बैठक में यूसीसी लाए जाने पर फैसला लिया. मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति बनी. समिति ने अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी थी। इसके बाद आठ मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। विधानसभा से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया। इस अधिनियम पर 12 मार्च को राष्ट्रपति का अनुमोदन मिला। इसके बाद यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गईं। नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में आज 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली साैंपी। नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए। यूसीसी की नियमावली को अंतिम रूप देकर 20 जनवरी को मंत्रिमंडल ने इसे पास किया। बीते कई दिनों से इसके पोर्टल पर पंजीकरण को लेकर विभिन्न स्तरों पर मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई।

यूसीसी को लेकर विभिन्न देशों के कानून का अध्ययन यूसीसी को लेकर सऊदी, तुर्किये, इंडोनेशिया, नेपाल, फ्रांस, अजरबैजान, जर्मनी, जापान और कनाडा देशों का अध्ययन किया गया है.

यूसीसी की इस प्रकार हुई तैयारियांः 43 हितधारकों और 72 गहन विचार विमर्श बैठकें की गईं। 49 लाख एसएमएस और 29 लाख व्हाट्सएप मैसेस के साथ 2.33 नागरिकों ने इसके लिए सुझाव मिलने के साथ ही 61 हजार पोर्टलों पर सुझाव मिले. इसके अलावा 36 हजार सुझाव डाक और 1.20 लाख सुझाव दस्ती और 24 हजार ई-मेल के माध्यम से सुझाव आए.

साभार – हिंदुस्थान समाचार

ये भी पढ़ें: UCC in Uttarakhand: हलाला पर रोक, बहुविवाह पर लगाम…जानिए प्रदेश में क्या-क्या बदला?

Tags: CM Pushkar Singh DhamiUCC in UttarakhandUniform Civil CodeUCC
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