नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बनी सहमति के बाद इस साल की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होगी. दोनों देश के बीच सीधी हवाई सेवाएं और सीमा पार नदियों से संबंधित हाइड्रोलॉजिकल डेटा और अन्य सहयोग भी दोबारा शुरू करने पर सहमति बनी है. इन मुद्दों पर आगे संबंधित स्तर बने तंत्रों पर चर्चा कर रूपरेखा तैयार की जाएगी.
दोनों देशों के बीच यह सहमति विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री की बीजिंग में आयोजित ‘विदेश सचिव-उप विदेश मंत्री तंत्र’ की बैठक के दौरान बनी है. रूस के कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्मित करने के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति बनी थी. बैठक उसी के अनुरूप आयोजित की गई. वर्ष 2020 में उत्पन्न सैन्य तनानती के कारण दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी. उस समय भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा रोक दी गई थी.
विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्ष मीडिया और थिंक टैंक के बीच बातचीत को और बढ़ावा देने तथा उसे सुविधाजनक बनाने के लिए उचित कदम उठाने पर सहमत हुए हैं. 2025 भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है. इस वर्षगांठ को मनाने के लिए दोनों पक्ष कई स्मारक गतिविधियां आयोजित करेंगे.
बैठक के दौरान आर्थिक और व्यापार क्षेत्रों में विशिष्ट चिंताओं पर चर्चा की गई है. इससे इन मुद्दों को हल किया जा सकेगा और दीर्घकालिक नीतिगत पारदर्शिता और पूर्वानुमान को बढ़ावा दिया जा सके. अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव ने विदेश मंत्री वांग यी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ से मुलाकात की.
हिन्दुस्थान समाचार
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