Mahakumbh Stampede: मंगलवार की रात को संगम नगरी से अमंगल समाचार सामने आया. महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिये भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि संगम तट पर भगदड़ मच गई. सूत्रों के अनुसार हादसे में 10 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, हालांकि मरने वालों की संख्या कहीं अधिक बताई जा रही है. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के घायल होने की भी सूचना है. मेला प्रशासन ने अभी मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की है. घायलों का इलाज महाकुम्भ नगर के केंद्रीय अस्पताल में जारी है.
PM मोदी ने जताया दुख
पीएम मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ पर दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि,’प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है. इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है. इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं.’
प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 29, 2025
पीएम मोदी ने चार बार सीएम योगी से फोन पर की बात
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम योगी से फोन पर घटना की जानकारी ली. बता दें पीएम मोदी लगातार महाकुंभ के हालात पर नजर बनाए हुए हैं और राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हैं. वे अब तक चार बार सीएम से बात कर चुके हैं और स्थिति को सामान्य बनाने और राहत के निर्देश दे रहे हैं.
जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका
महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के लिए मंगलवार सुबह से ही अपार जन समूह उमड़ा हुआ था. दोपहर में बेकाबू भीड़ ने कई स्थानों की बैरिकेडिंग भी तोड़ी. रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम में भीड़ अधिक बढ़ गई. संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु जमा हो गए.
अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग भी कुछ स्नानार्थियों ने तोड़ने का प्रयास किया. जिसको जहां से जगह मिलती उधर ही चला जाता. आधी रात के बाद स्नानार्थियों की भीड़ संगम तट के करीब ठहर गई, जिससे स्थिति बिगड़ने लगी. रात करीब दो बजे स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो भगदड़ मच गई. इधर-उधर भागती भीड़ में जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका. जिसने भागने का प्रयास किया वह भी दब गया. मेला कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम को यह सूचना मिली तो हड़कंप मच गया.
हादसे की सूचना मिलने पर पैरामिलिट्री फोर्स, एबुंलेंस को अलग-अलग स्थान से संगम की ओर रवाना किया गया. इसके बाद एंबुलेंस में तमाम श्रद्धालुओं को भरकर लाया गया. केंद्रीय अस्पताल में कई लोगों को जमीन पर लिटाया गया था, जिनके बारे में एक अस्पताल कर्मी ने कहा कि उनकी मौत हो गई है.
संगम पर न आने की अपील
भगदड़ हादसे के बाद सभी तीर्थयात्रियों से विनम्र आग्रह किया जा रहा है कि संगम की ओर आने की कोशिश ना करें. अन्य घाटों पर स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें. महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर यही आवाज गूंज रही है, जो भगदड़ की दिल दहलाने वाली तस्वीर की गवाही भी है. अभी हालात काबू में बताये जाते हैं. महाकुम्भ नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने की अपील की है.
कृपया बच्चों को कंधे पर बैठाएं
यह भी बार-बार माइक से अनाउंस किया जा रहा है कि श्रद्धालु अपने बच्चों को कंधे पर बैठा कर चलें, किसी को धक्का न मारें. धीरे-धीरे बढ़ें.
हिन्दुस्थान समाचार
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