किंशासा: अफ्रीकी देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के पूर्वी शहर गोमा पर एम23 विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है. रिपोर्टों के अनुसार, इन विद्रोहियों को पड़ोसी देश रवांडा का समर्थन प्राप्त है. इस संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में तैनात भारतीय सेना के मेडिकल कोर के 80 अधिकारी और सैनिक फंस गए हैं. विद्रोहियों ने लेवल-3 फील्ड हॉस्पिटल वाले कैंप को घेर लिया है, जहां भारतीय सैनिक तैनात हैं.
गोमा में लगातार गोलीबारी और रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले हो रहे हैं, जिससे हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह हमला न केवल शांति मिशन के लिए खतरा है, बल्कि स्थानीय नागरिकों के लिए भी विनाशकारी साबित हो सकता है.
हवाई अड्डे पर कब्जा, मदद पहुंचाना हुआ मुश्किल
विद्रोहियों ने गोमा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी कब्जा कर लिया है, जिससे इस क्षेत्र में बाहर से किसी भी तरह की सहायता पहुंचना लगभग असंभव हो गया है. इस एयरपोर्ट का नियंत्रण खोने से संयुक्त राष्ट्र और अन्य राहत संगठनों की आपूर्ति रुक सकती है, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है.
अमेरिका की कड़ी प्रतिक्रिया, रवांडा को चेतावनी
अमेरिका ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए रवांडा को कड़ी चेतावनी दी है. वॉशिंगटन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस हमले को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है. साथ ही, अफ्रीकी संघ ने भी एम23 विद्रोहियों से कब्जे वाले इलाकों से पीछे हटने की मांग की है.
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कांगो इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हमें कांगो में शांति स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा. हम सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.”
बतादें कि कांगो के उत्तर किवु प्रांत की राजधानी गोमा शहर, पहले से ही संघर्ष और हिंसा से जूझ रहा है. इस शहर की आबादी करीब 20 लाख है और विद्रोही तेजी से यहां अपना नियंत्रण मजबूत कर रहे हैं. झील किनारे बसे इस शहर में अब भी अलग-अलग हिस्सों में गोलीबारी और बम धमाकों की आवाजें सुनी जा रही हैं.
कौन हैं एम23 विद्रोही?
तुत्सी जनजाति के लोग एम23 विद्रोहियों के गुट का नेतृत्व करते हैं. इन विद्रोहियों को रवांडा का समर्थन प्राप्त है. इस विद्रोही गुट का गठन 30 साल पहले रवांडा में हुए नरसंहार के बाद हुआ था, जिसने कांगो को हिलाकर रख दिया था. इस नरसंहार में हुतु चरमपंथियों ने तुत्सी और उदारवादी हुतु लोगों को मार डाला था. इसके बाद कागामे के नेतृत्व वाली तुत्सी समर्थित सेनाओं ने हुतु चरमपंथियों को इलाके से खदेड़कर शांति की स्थापना की थी.
हिन्दुस्थान समाचार
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