भारत समेत पूरी दुनियाभर में अमेरिका का ChatGPT और चीन का DeepSeek चर्चा में है. ऐसे में अब भारत ने भी अपना खुद का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का चैटबॉट बनाने के लिए कदम आगे बढ़ा दिया है. IT मंत्री अश्विनी वैश्नव एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बात की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि भारत अभी देश के सबसे बड़े/ लार्ज लैंग्वेज मॉडल यानी LLM पर काम कर रहा है. जो आने वाले 10 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. हमने इसका फ्रेमवर्क पूरा तैयार कर लिया है. और आज इसे लॉन्च किया जा रहा है. हमारा मकसद ऐसे एआई मॉडल को बनाना है जो पूरी तरह भारतीय कॉन्टेक्स्ट और कल्चर पर आधारित हो.
आगे मंत्री ने बताया कि ChatGPT को 25,000 जीपीयू, DeepSeek Ai को 2,000 जीपीयू में ट्रेन किया गया है. वहीं हमारे पास 15,000 हाई एण्ड जीपीयू है. AI डेवलपमेंट के मामले में कंप्यूटिंग इंफ्रॉस्ट्रक्चकर एक अहम पार्ट होता है जो हमारे पास है. अभी फिलहाल भारत ने इसमें 10,000 जीपीयू का लक्ष्य पूरा कर लिया है. जिसे बढ़ाकर 18,000 जीपीयू करना है.
जानिए आखिर क्यों जरुरी होता है GPU?
जीपीयू यानी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट. किसी भी तरह के लैंग्वेज मॉडल को ट्रेन करने के लिए हाई एंड जेपीयू की जरुरत होती है. ये सामान्य तौर पर ग्राफिक्स कार्ड्स ही होते हैं, लेकिन AI के लिए इन्हें अलग से तैयार किया जाता है. वैसे सामान्य GPU से भी काम हो सकता है, लेकिन तेजी और इफिशिएंट से काम करने के लिए इन्हें अलग से डिजाइन किया जाता है. बड़े लैंग्वेज मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए ज्यादा कंप्यूटेशनल पॉवर की जरुरत होती है. इसी वजह से AI मॉडल्स के लिए GPU की खास जरुरत होती है.
India AI मिशन के तहत टेक्नोलॉजी के अलावा दूसरे क्षेत्र जैसे हेल्थकेयर, वेदर फॉरकास्टिंग, ऐजुकेशन और एग्रिकल्चर में AI का इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें, साल 2024 में India AI मिशन को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. जिसके बाद लगभग 10 हजार करोड़ के तहत AI मिशन और भारत के AI कंप्यूटिंग इकोसिस्टम और AI स्टार्टअप को मजबूत किया जाएगा.
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