नई दिल्ली: कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 10-15 वर्षों में कांग्रेस को जो काम करना चाहिए था, अगर वो किया होता तो आज उसकी यह स्थिति नहीं होती. वह यहां गालिब इंस्टीट्यूट के गालिब ऑडिटोरियम में ‘वंचित समाज: दशा और दिशा’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
राहुल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा ही वंचित वर्ग के साथ खड़ी रही है और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाती आई है. हम उनके न्याय के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे. उन्होंने एक वाकया साझा करते हुए बताया कि मैं कुछ दिन पहले दिल्ली के एम्स गया था. वहां देश के अलग-अलग कोने से लोग इलाज के लिए आए थे, वे लोग भी दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग से थे. आपको मनरेगा में भी इसी वर्ग के लोग दिखेंगे. देश की संस्थाओं में एजुकेशन, ब्यूरोक्रेसी और हेल्थकेयर सिस्टम में इन 2-3 प्रतिशत लोगों को बैठा दिया जाता है. मगर पॉवर इनमें से किसी को नहीं दी जाती है.
कांग्रेस नेता ने कहा, “इंदिरा गांधी के समय देश के लोगों में आत्मविश्वास था. देश के दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक समेत हर वर्ग के लोग जानते थे कि इंदिरा गांधी उनके लिए लड़ जाएंगी, मर जाएंगी, लेकिन 90 के दशक में इसमें कमी आयी. पिछले 10-15 सालों में कांग्रेस को जो काम करना चाहिए था, वो नहीं किया, यह वास्तविकता है. अगर कांग्रेस दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों का विश्वास बनाए रखती तो आरएसएस कभी सत्ता में नहीं आता. इसका मतलब यह है कि कांग्रेस में आंतरिक क्रांति करनी पड़ेगी, जिसके लिए हम आप लोगों को इसके अंदर डालेंगे.”
आंबेडकर की चर्चा करते हुए राहुल ने कहा कि वो दलितों की आवाज थे. जो आपका दर्द था, जो दिल में था, वो उसकी आवाज थे. उन्होंने अपने मन और परिवार की आवाज नहीं सुनी लेकिन दलितों और वंचितों की आवाज सुनी. इसलिए आज उन्हें याद किया जाता है. जो आप लोगों ने अपमान सहा है, उसी की परिणति बाबा साहेब ने इस संविधान में की. इसमे आप का दर्द और इतिहास है, इसीलिए यह संविधान हमारे लिए पवित्र है. इस देश की जो नींव है, वो वंचित समाज है. अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर इस समय पूरी ताकत से दबाव बढ़ा है.
राहुल ने कहा कि इस समय लड़ाई विचारधारा की है. जब केजरीवाल आए तो मैंने भी उनको देखा. दरअसल, जितना दलित विरोधी मोदी हैं, उतने ही केजरीवाल भी हैं. कांग्रेस पार्टी को जितना दलितों के हितों की रक्षा करनी चाहिए थी, वह उसने नहीं किया. आप मुझे देखिएगा, मैं जो कह रहा हूं, वो होगा. उन्होंने मोदी और केजरीवाल को धोखेबाज करार देते हुए कहा कि जिस दिन कांग्रेस पार्टी का ओरिजिनल बेस एकजुट हो जाएगा, ये भाग जाएंगे. कांग्रेस दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों यानई सभी वर्गों को साथ लेकर चलेगी.
बसपा संस्थापक कांशीराम की तारीफ करते हुए राहुल ने कहा कि उन्होंने पोलिटिकल रिजोलुशन के लिए लड़ाई लड़ी. एजुकेशन, कारपोरेट इंडिया, जुडिशियरी में शेयर आफ पावर चाहिए. आज 50 प्रतिशत की आबादी वाले की शेयर आफ पावर 5 प्रतिशत है. दलित की शेयर आफ पावर 1 प्रतिशत है. भाजपा दलित और आदिवासी को राष्ट्रपति बनाएगी, जिसके पास कोई पॉवर नहीं है.
हिन्दुस्थान समाचार
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