नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में विश्व पुस्तक मेला-2025 का उद्घाटन किया. 52 वर्षों से अधिक की परंपरा के साथ यह 9 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला विद्वानों, शिक्षकों, छात्रों, लेखकों, प्रकाशकों और पुस्तक प्रेमियों सहित विविध वैश्विक दर्शकों का स्वागत करने के लिए तैयार है.
भारत मंडपम कॉम्प्लेक्स के हॉल नंबर 2-6 में यह पुस्तक मेला 1-9 फरवरी तक चलेगा. इस मेले का फोकस देश रूस और थीम रिपब्लिक@75 है. पुस्तक मेले में रूस को फोकस देश के रूप में शामिल किया गया है और 50 से अधिक देशों की भागीदारी है.
इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों को विविध विषयों पर किताबें पढ़नी चाहिए, जिससे उन्हें अपनी क्षमता और योग्यताओं को पहचानने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि जब आप किसी बच्चे को पढ़ने में रुचि पैदा करते हैं, तो आप राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं. उन्होंने कहा कि किताबें पढ़ना सिर्फ़ एक शौक नहीं है बल्कि एक बदलावकारी अनुभव है. अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों की किताबें पढ़ने से क्षेत्रों और समुदायों के बीच पुल बनते हैं.
इस अवसर पर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव, डॉ. एलेक्सी वर्लामोव (रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे), स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव संजय कुमार (आईएएस), नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया (एनबीटी) के चेयरमैन प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे और एनबीटी निदेशक युवराज मलिक भी उपस्थित थे.
हिन्दुस्थान समाचार
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