प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने आने वाले 25 सालों और विकसित भारत के लिए लोगों में विश्वास पैदा करने की बात कही है. उनका संबोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला है, नया विश्वास पैदा करने वाला है और आम लोगों को प्रेरित करने वाला है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं और कार्यों से देश के राजस्व को हुए फायदे और गरीबों को मिले लाभ की जानकारी दी. वहीं प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान विपक्ष खासकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला, पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग अपने मनोरंजन के लिए गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी.
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के विदेश नीति पर बोलने पर भी कड़ा प्रहार किया और कहा कि उन्हें ‘जेएफसी फॉरगॉटेन क्राइसिस’ नामक पुस्तक पढ़नी चाहिए जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के कार्यकाल में विदेश नीति की क्या स्थिति थी इसका वर्णन है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का भी उल्लेख किया और कहा कि 7 दशक तक वहां के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया.
हमारा म़ॉडल ‘बचत भी, विकास भी’
PM मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि “हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे जिन्होंने एक समस्या को पहचाना था और कहा था कि जब दिल्ली से एक रुपया भेजा जाता है तो नीचे तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं. 15 पैसे किसे मिलते थे ये हर कोई समझ सकता है. हमने समाधान खोजने की कोशिश की और हमारा मॉडल है ‘बचत भी विकास भी’, ‘जनता का पैसा जनता के लिए’.
हमारी सरकार ने फर्जीवाड़े को रोका
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जब ज्यादा बुखार चढ़ जाता है तब लोग कुछ भी बोल देते हैं लेकिन इसके साथ जब ज्यादा हताशा-निराशा फैल जाती है तब भी बहुत कुछ बोल देते हैं. PM मोदी ने कहा जो भारत में पैदा ही नहीं हुए, ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोग सरकारी खजाने से विभिन्न योजनाओं का फायदा ले रहे थे. हमने ऐसे 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया और असली लाभार्थियों को खोजकर उन तक मदद पहुंचाने का अभियान चलाया.”
भ्रष्टाचार पर लगाई लगाम
पीएम मोदी ने यूपीए शासन ने घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, “पहले अखबारों की हेडलाइन घोटाले और भ्रष्टाचार से जुड़ी होती थीं.10 साल हो गए हैं, देश के करोड़ों रुपए बचे हैं, जो जनता के काम आए हैं. हमने कई कदम उठाए हैं जिससे काफी पैसा बचा है लेकिन हमने उस पैसे का इस्तेमाल शीशमहल बनाने के लिए नहीं किया, बल्कि हमने उस पैसे का इस्तेमाल देश बनाने के लिए किया है.”
राहुल के जातिगत जनगणना वाले बयान पर किया पलटवार
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का उत्तर देते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी के जातिगत मुद्दे उठाए जाने पर भी पलटवार किया और बताया कि उनकी सरकार कैसे देश की एकता बनाए रखते हुए समावेशी विकास के लिए कार्य कर रही है. पीएम ने कहा कि उनकी सरकार संविधान की भावना लेकर चलती है और उनकी पार्टी जहर की राजनीति नहीं करती. उन्होंने कहा कि देश की एकता हमारे लिए सर्वोपरि है, इसीलिए हमने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई है.
विपक्ष पर झूठे वादा करने का लगाया आरोप
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार युवा भविष्य के लिए काम कर रही है लेकिन कुछ दल वादा करके उन्हें पूरा नहीं करते. इस संदर्भ में उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि यह दल युवाओं के भविष्य पर ‘आप-दा’ बनकर गिरे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले अखबारों की हेडलाइन घोटाले से जुड़ी होती थी लेकिन अब लाखों करोड़ों रुपये की बचत हो रही है और इन पैसों का उपयोग ‘शीश महल’ बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, हम कैसे काम करते हैं, ये हरियाणा में देश ने देखा है. बिना खर्ची-बिना पर्ची नौकरी देने का वादा किया था, सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई. हम जो कहते हैं, उसी का परिणाम है, हरियाणा में भव्य विजय हुई.”
‘कुछ लोग आज अर्बन नक्सलियों की भाषा बोल रहे’
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजकल कुछ लोग खुलेआम अर्बन नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं…जो लोग इस भाषा को बोलते हैं, वे न तो संविधान को समझ सकते हैं और न ही राष्ट्र की एकता को समझ सकते हैं. 7 दशकों तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया। यह न केवल संविधान के साथ बल्कि इन क्षेत्रों के लोगों के साथ भी अन्याय था. हम संविधान की भावना के अनुसार जीते हैं और इसीलिए हम मजबूत फैसले भी लेते हैं. हमारा संविधान भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता.”
सोनिया गांधी पर साधा निशाना
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी के बयान पर निशाना साधा और कहा कि एक महिला राष्ट्रपति का सम्मान नहीं किया गया. यह राजनीतिक हताशा का परिणाम है. उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर गांधी परिवार के तीन सदस्यों सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के संसद में बैठने पर भी कटाक्ष किया और कहा कि क्या एससी और एसटी परिवारों से एक ही समय में संसद के तीन सदस्य रहे हैं.
‘जाति की बात करना कुछ लोगों के लिए फैशन’
PM मोदी ने कहा, “कुछ लोगों के लिए जाति के बारे में बात करना फैशन है. पिछले 30 वर्षों से OBC सांसद मांग कर रहे हैं कि OBC आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए. आज जो लोग जातिवाद में लाभ देखते हैं, उन्होंने तब OBC समुदाय के बारे में नहीं सोचा. हमने OBC आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया. SC, ST और OBC को हर क्षेत्र में अधिक अवसर मिलें- हमने इस दिशा में बहुत मजबूती से काम किया है. मैं इस सदन के माध्यम से नागरिकों से एक महत्वपूर्ण प्रश्न रखता हूं- क्या कभी SC समुदाय के एक ही परिवार से एक साथ 3 सांसद हुए हैं? मैं यह भी पूछता हूं, मुझे बताएं कि क्या कभी ST समुदाय के एक ही परिवार से एक साथ 3 सांसद हुए हैं. उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है.”
’12 लाख की आय वालों को इनकम टैक्स से मुक्ति’
प्रधानमंत्री ने बजट से जुड़ी योजनाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 2014 तक 2 लाख तक की आय कर मुक्त होती थी लेकिन आज 12 लाख रुपये तक की आय कर से मुक्त है. प्रधानमंत्री ने डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जिसमें नल से शुद्ध जल मिलने के कारण लोगों के बीमारियों पर होने वाले खर्चे में औसत 40 हजार की कमी आई है. उन्होंने विश्व कैंसर दिवस पर लांसेट जनरल की एक रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि आयुष्मान योजना के चलते गरीब परिवार कैंसर का शीघ्र उपचार कर पा रहे हैं.
‘देश को विकसित बनाने के लिए तुष्टीकरण से मुक्ति जरूरी’
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 का जिक्र कर कहा कि मान्य विपक्ष नहीं होने के बावजूद संविधान की भावना को बनाए रखते हुए कई महत्वपूर्ण समितियों में नेता विपक्ष से जुड़ी बाध्यता दूर किया गया. उन्होंने कहा कि पहले चुनाव आयोग में नियुक्ति केवल प्रधानमंत्री ही अपने स्तर पर कर दिया करते थे लेकिन उनकी सरकार ने आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में विपक्ष के नेता को भी शामिल कराया है. PM मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का हमेशा से प्रयास कर रहा है कि योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ लाभार्थियों तक पहुंचे, लेकिन पिछली सरकारों का मॉडल तुष्टीकरण की राजनीति का रहा है. देश को विकसित बनाने के लिए तुष्टीकरण से मुक्ति पानी होगी और इसके लिए हमने संतुष्टीकरण का रास्ता चुना है. हर समाज हर वर्ग के लोगों को उनका हक मिलना चाहिए.
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