भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए. मोहन यादव कैबिनेट ने प्रदेश में 10 लाख प्रधानमंत्री आवास शहरी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके अलावा इंदौर स्थित हुकुमचंद मिल की भूमि हाउसिंग बोर्ड को दी जाएगी. अंतरिक्ष रजिस्ट्री में 19 करोड़ रुपये लगेंगे. हाउसिंग बोर्ड आवासीय और व्यावसायिक भूमि का उपयोग करेगा. लागत निकालने के बाद नगर निगम इंदौर और हाउसिंग बोर्ड के बीच आधा-आधा लाभांश बंटेगा. इसके साथ ही ड्रोन संवर्धन और सेमी कंडक्टर नीति को भी मंजूरी दी गई है.
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में बताया कि राज्य सरकार ने इंदौर की हुकुमचंद मिल की 17.52 हेक्टेयर जमीन पर कॉमर्शियल और रेसीडेंशियल आवास निर्माण के साथ बड़े शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण को मंजूरी दी है. हुकुमचंद मिल के लिए त्रिपक्षीय समझौते के आधार पर काम किया जाएगा. सरकार इस प्रोजेक्ट में ग्रीनरी पर खास फोकस करेगी. इस मिल की 450 करोड़ रुपये की देनदारी सरकार दे चुकी है.
नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने अपनी जापान की पांच दिन की यात्रा के अनुभव मंत्रियों के साथ साझा किए. इस दौरान जापान की संस्कृति पर चर्चा हुई. साथ ही मुख्यमंत्री ने भोपाल में 24 और 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में जापान द्वारा किए जाने वाले संभावित निवेश की जानकारी दी. बैठक में जीआईएस की तैयारियों से जुड़ी कई नीतियों को मंजूरी दी गई.
नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का जापान भी पार्टनर है. उन्होंने बताया कि भोपाल-इंदौर के बीच मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी, शहरी विकास प्लानिंग पर जापान ने सहमति दी है. साथ विशेष चैनल स्थापित करने, हाईस्पीड ट्रेन कॉरिडोर, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जापान सहयोग करेगा. कपास से कपड़ा और उससे रेडीमेड गारमेंट बनाने में भी जापान सहयोगी बनेगा. उज्जैन मेडिकल पार्क में यूनिट लगाने, ईवी मैन्युफैक्चरिंग में भी जापान ने सहमति दी है. नई उत्पादन लाइन में भी सहयोग करने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की मध्य प्रदेश सेमी कंडक्टर नीति 2025 को मंजूरी दे दी है. इस नीति में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर जोर होगा. कई राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन करने के बाद यह नीति बनाई गई है. जीआईएस में दो हजार करोड़ तक का निवेश हो सकता है. रोजगार ज्यादा नहीं मिलता, लेकिन एक ईको सिस्टम तैयार होता है. राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति 2025 को जारी कर दिया है.
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था हो या महाकुंभ जैसे आयोजन हों. खेती-किसानी सब जगह ड्रोन काम कर रहा है. किसानों को यूरिया के छिड़काव में भी ये काफी मददगार है. ड्रोन स्कूल, ड्रोन इन्फ्रास्ट्रक्चर, परिचालन, मार्केटिंग सपोर्ट, पेंटेंट, ड्रोन कौशल, ईको सिस्टम समेत अन्य मामलों में ड्रोन नीति को मंजूरी दी गई है. एजुकेशन में भी ड्रोन को शामिल किए जाने पर सरकार का फोकस है. इससे नए अवसर मिलेंगे और प्रदेश के विकास और रोजगार में यह नीति सहायक होगी.
नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि पीएम आवास योजना के पहले चरण में साढ़े 8 लाख आवास बना चुके हैं. देश में एमपी दूसरे नंबर पर रहा है. पीएम आवास योजना 2.0 में देश भर में एक करोड़ मकान बनाए जाने हैं. इसमें से दस लाख आवास एमपी में बनाए जाने हैं. अफोर्डेबल हाउसिंग के साथ अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग के तहत भी इस योजना में आवास बनाकर दिए जाने का फैसला हुआ है. छात्र और कामकाजी महिलाएं भी इन आवासों में रह सकेंगी. कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है. कल्याणी महिलाओं, दिव्यांग, सीनियर सिटिजन, ट्रांसजेंडर के साथ सफाईकर्मी, पीएम स्वनिधि के स्ट्रीट वेंडर, पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभान्वित, निर्माण श्रमिक, मलीन बस्तियों के रहवासियों समेत अन्य को यह आवास दिए जा सकेंगे.
उन्होंने बताया कि इंदौर नगर निगम के स्वामित्व वाली हुकुमचंद मिल की देनदारियों के निपटारे और भूमि पर नई परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई है. इससे बीस से 25 हजार लोगों को सीधा फायदा मिलेगा. मिल पर 450 करोड़ रुपये की देनदारी थी और उसका पैसा भी हाउसिंग बोर्ड ने दिया है. नगर निगम ने यहां कंस्ट्रक्शन का का प्रस्ताव दिया है जो अब हाउसिंग बोर्ड को ट्रांसफर होगा. त्रिपक्षीय समझौता हुआ है. साढ़े से चार हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट होगा और दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें कॉमर्शियल और रेसीडेंशियल कंस्ट्रक्शन करने के साथ शहर के बीच में जमीन होने के कारण ग्रीनरी का भी ध्यान रखा जाएगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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