Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली पुलिस ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने और गिरफ्तार करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. बताया जा रहा है कि फर्जी मतदान न होने पाए, इसके पूरे प्रयास किए गए हैं. मतदान केंद्रों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कैमरा नजर रखी जा रही है. चेहरे की पहचान होते ही वे प्रशासन की पकड़ में होंगे और इसके बाद वापस बांग्लादेश भेजे जाएंगे.
यह भी बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और इसके बाद से बांग्लादेश के साथ बिगड़ते रिश्तों को देखते हुए सरकार सख्त रुख अपनाए हुए है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको के घुसपैठियों को वापस भेजने की तकनीक अपनाई, उसी तरह से बांग्लादेशी घुसपैठियों को डिपोर्ट किया जाएगा.
बता दें कि दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अभियान एलजी वीके सक्सेना के आदेश पर 10 दिसंबर 2024 को शुरू किया गया था, जिसमें दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया था. अब तक दिल्ली पुलिस ने 58 से अधिक बांग्लादेशियों को निर्वासित किया है और 8 को गिरफ्तार किया है. चुनाव आयोग की सतर्कता और एलजी के आदेश के कारण दिल्ली में 200 से अधिक संदिग्ध घुसपैठियों की पहचान कर ली गई है.
दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए न केवल सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि वे स्थानीय नागरिकों के रोजगार, सरकारी योजनाओं और मतदाता सूची को भी प्रभावित कर सकते हैं.
जानिए कैसे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं ये अवैध घुसपैठिए?
- अवैध रूप से मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) और आधार कार्ड बनवाकर फर्जी मतदान कर सकते हैं.
- विशेष रूप से कुछ राजनीतिक दलों द्वारा वोट बैंक के रूप में इनका उपयोग किया जाता है.
- दिल्ली में सस्ते मजदूरों के रूप में रहकर स्थानीय नागरिकों के रोजगार के अवसर छीनते हैं.
- झुग्गी-झोपड़ियों में बसाकर अवैध कॉलोनियों का विस्तार किया जाता है, जिससे दिल्ली की मूल जनसंख्या के संसाधन प्रभावित होते हैं.
कैसे दिल्ली के लोगों के हक मारे जा रहे हैं?
- ये अवैध घुसपैठिए फर्जी कागजों के बल पर सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाते हैं.
- घुसपैठियों द्वारा कम लागत पर काम करने की वजह से स्थानीय मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी संकट बढ़ता है.
- यह पहले कम संख्या में बसते हैं फिर अन्य लोगों को भी बसाते हैं, जिससे अवैध कॉलोनियों के निर्माण से अपराध दर में वृद्धि होती है.
- इनकी बढ़ती जनसंख्या के कारण सरकारी अस्पतालों और स्कूलों पर दबाव बढ़ता है, जिससे दिल्ली के वास्तविक नागरिकों को मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं.
- दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: दिल्ली पुलिस ने कई इलाकों में विशेष तलाशी अभियान चलाया है, जिसमें इन जगहों को चिन्हित किया गया है.
- मदनपुर खादर, जामिया नगर (पी ब्लॉक और आसपास के झुग्गी क्षेत्र), उत्तम नगर – काली बस्ती, दक्षिण पश्चिम दिल्ली – रंगपुरी और अर्जन गढ़, द्वारका सेक्टर – 200 संदिग्धों की पहचान, बाहरी दिल्ली- 175 संदिग्ध बांग्लादेशियों की सूची तैयार
पुलिस के अभियान की रणनीति
पुलिस द्वारा संदिग्धों की पहचान कर घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है. स्थानीय पुलिस और एफआरआरओ (Foreigners Regional Registration Office) के समन्वय से हो रही कार्रवाई. इसके अलावा गृह राज्यों से वेरिफिकेशन के लिए टीमें भेजी गई. पुलिस मौजूद दस्तावेजों की गहनता से जांच कर रही है.
कैसे पकड़े जा रहे हैं घुसपैठिए?
- सीक्रेट सर्विलांस और इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस नई पहचान वालों पर नजर रख रही है.
- अवैध दस्तावेज बनाने वाले एजेंटों की गिरफ्तारी कर उनसे पूछताछ कर रही है.
- गृह राज्यों में टीम भेजी जा रही जो जांच के लिए गांवों में जाकर सरपंच और पुलिस से सत्यापन कर रहे हैं.
- इसके साथ अवैध दस्तावेज (आधार, वोटर आईडी) बनाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़.
- पुलिस गिरफ्तार घुसपैठियों के कॉल रिकॉर्ड की भी गहनता से जांच कर रही है.
- बांग्लादेशी घुसपैठ के पीछे पूरा सिंडिकेट एक्टिव
दिल्ली पुलिस ने एक बड़ी मानव तस्करी और अवैध दस्तावेज बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया था. 02 जनवरी 2025 को चार लोगों की गिरफ्तारी की गई, जिसमें 2 भारतीय नागरिक (आशीष मेहरा और अमीनुर इस्लाम) शामिल हैं. साथ ही पुलिस ने एक बांग्लादेशी दंपति जो अवैध रूप से रह रहे थे उनको भी गिरफ्तार किया है. ये सिंडिकेट बांग्लादेशी नागरिकों के भारत में अप्रवासन को सुगम बनाने का काम कर रहा था.
कैसे भारत में आते हैं बांग्लादेशी और रोहिंग्या ?
भारत के अंदर ये बांग्लादेशी और रोहिंग्या मेघालय के बागमारा बॉर्डर से घुसपैठ करते हैं. जो असम और पश्चिम बंगाल के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करते हैं. इसके बाद ये लोग नकली आधार कार्ड और वोटर आईडी बनाकर स्थायी नागरिकता का दावा करते हैं.
दिल्ली पुलिस का दावा
अब तक 58 अवैध बांग्लादेशियों को निर्वासित किया गया. 175 और संदिग्धों की लिस्ट तैयार. अवैध दस्तावेज बनाने वालों के नेटवर्क का भंडाफोड़ लगातार जारी.
अवैध घुसपैठियों पर एक्शन क्यों जरूरी?
- चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे.
- फर्जी वोटिंग को रोका जाए
- दिल्ली के असली नागरिकों के हक की रक्षा हो
- अवैध रूप से सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग खत्म किया जाए
- अपराध और अस्थिरता को रोका जाए
हिन्दुस्थान समाचार
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