Watershed Yatra: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल लाए धन-धान्य थीम पर आधारित वाटरशेड यात्रा का शुभारंभ किया. अभियान के तहत 805 परियोजनाओं में लगभग 60 से 90 दिनों तक वाटरशेड यात्रा वैन चलेगी, जो 26 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों में 6,673 ग्राम पंचायतों के 13,587 गांवों तक जाएगी. वहीं वाटरशेड यात्रा के दौरान 1,509 ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी और 1,640 प्रभात फेरियां भी आयोजित की जाएंगी. साथ ही 2,043 स्थानों पर भूमिपूजन और 1,999 कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा. इसके साथ ही 1,196 स्थानों पर श्रमदान और 557 स्थानों पर बागवानी वृक्षारोपण किया जाएगा.
‘वाटरशेड यात्रा’ महज कर्मकांड नहीं है, यह धरती बचाने का अभियान है। इसके अंतर्गत अनेक प्रकार की संरचनाएं बनाई जाएंगी। प्रत्येक व्यक्ति इस जन आंदोलन से जुड़े…#WatershedYatra pic.twitter.com/7pKSk24F8w
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 5, 2025
वाटरशेड यात्रा को लेकर चौहान ने कहा कि जल हमारे जीवन का आधार है, जल है तो जीवन है. हम माटी से पैदा हुए और माटी में ही मिलते हैं. माटी हमारा अस्तित्व है, हमारा आधार है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विजनरी सोच के कारण भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय का भूमि संसाधन विभाग मिट्टी और जल संरक्षण के लिए पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वॉटरशेड विकास घटक की योजना को क्रियान्वित कर रहा है. इस वॉटरशेड के अंतर्गत चेक डेम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत तालाब जैसी कई संरचनाएं बनाई जाएंगी। ये संरचनाएं पानी भी बचाएंगी और माटी के क्षरण को भी रोकेंगी, सतही जल भी बहकर नहीं जाएगा और भूजल स्तर भी बढ़ेगा। भरा हुआ सतही जल आसपास के बड़े इलाके में भूजल स्तर बढ़ा देगा. माटी में नमी बनेगी, माटी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी। जरूरी है कि हम इस योजना के साथ जुड़ें, ये काम अकेले सरकार नहीं कर सकती है, सरकार के साथ समाज का सहयोग भी बेहद जरूरी है। हर गांव को, किसानों को, पंचायतों, जनप्रतिनिधि, माता, बहनों, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को जोड़ना है. इसके लिए हमने वॉटरशेड यात्रा निकालने का संकल्प लिया है. चौहान ने कहा कि ये महज यात्रा नहीं बल्कि धरती को बचाने की यात्रा है.
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि इस विशेष अभियान को जनता का आंदोलन बनाएं, जन-जन इसमें जुड़ जाए. हम जनता के सहयोग से जल संरचनाएं बनायें, माटी के संरक्षण की योजनाएं बनाएं. इस वाटरशेड यात्रा के दौरान पानी और माटी बचाने के लिए जनजागरण अभियान चलेगा और वॉटरशेड के अंतर्गत पूर्ण किए गए कामों का लोकार्पण भी होगा और नए कामों का भूमिपूजन भी होगा. इसके साथ ही वॉटरशेड महोत्सव भी मनाया जाएगा. इतना ही नहीं वॉटरशेड पंचायत उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित भी करेगी. ये वॉटरशेड यात्रा देशभर में जलसंचयन और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देगी. ये यात्रा पानी और माटी बचाने के लिए ग्रामीण जनता को एक मंच भी प्रदान करेगी. इस यात्रा के शुभारंभ अवसर पर आगामी 2 वर्षों के लिए जनभागीदारी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया जा रहा है. अगर जनभागीदारी से हम बेहतर जल संरचना बनाते हैं, भूमि के क्षरण को रोकते हैं तो श्रेष्ठ काम करने वाली परियोजनाओं को अतिरिक्त 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. इसके लिए 70 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रावधान भी किया गया है। हर साल 177 परियोजनाएं इससे लाभान्वित होंगी.
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि जल और मिट्टी दोनों ठीक दशा में न रहें, तो हमारी जिंदगी की दशा क्या होगी? हमारी आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा? हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी दूरदर्शी हैं, वो आने वाले 50 साल, 100 साल की सोचते हैं, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचते हैं. बिगड़ते हुए पर्यावरण के कारण भूजल का स्तर क्या रह गया है? कई जगह पानी हजार से डेढ़ हजार फुट के नीचे चला गया है. कुछ सालों पहले नदियां बहती थीं, कुएं में ऊपर तक पानी रहता था. आज कुएं भी सूख गए हैं और नदियों की धार भी खत्म हो गई. आने वाले कल में हमारी पीढ़ियाँ कैसे जीवित रहेंगी, इस बारे में हम सभी को सोचना पड़ेगा. पानी आज विश्व का सबसे बड़ा मुद्दा है. हमें पानी बचाना है, भूजल स्तर को ठीक करना है. हमें पानी भी बचाना है, माटी भी बचाना है और हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी बचाना है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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