अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप कई बड़े और फैसले ले रहे हैं. ट्रंप ने आंतकी और उनके आकाओं की कमर तोड़ना शुरू कर दिया है. ट्रंप ने अमेरिका के वैधानिक निकाय यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) को बंद करने का ऐलान किया है. बता दें एएसएआईडी भारत विरोधी आंतकी संगठनों को पैसा मुहैया कराती थी. इसने पाकिस्तान के आतंकी संगठन हाफिज सईद के आंतकी संगठन लश्नकर-ए-तैयबा को साल 2019 में 1100,000 डॉलर की मदद की थी. साथ लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) को वित्त पोषित करता था. इसे पाकिस्तान के लाहौर से ऑपरेट किया जाता है.
बात दें यह दोनों संगठन मुंबई में 26/11 के हमलों का मास्टरमाइंड है. इस हमले में 166 भारतीय और 6 अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई थी. आश्चर्य की बात यह है कि आतंकी संगठनों से जुड़ी इस्लामिक धर्मार्थ संस्था को वित्त पोषण की जांच के दायरे में आने के बावजूद यूएसएड ने उसे धन जारी करना जारी रखा।
वहीं बताया यह भी जा रही है कि USAID को भारत के धुर विरोधी जॉर्ज सोरोस से फंडिंग मिलती थी. ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करते हुए यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) पर ताला लगाने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने इस एजेंसी से जुड़े सभी अफसरों और कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है. ट्रंप प्रशासन ने इस एजेंसी पर अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसों के गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है.
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