नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमान यांग ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से शिष्टाचार भेंट की. इससे पहले फिलेमान ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष का भारत में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की उनकी अध्यक्षता ऐसे समय में आई है जब हम संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 80 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2025 में विकास के लिए वित्तपोषण पर चौथा सम्मेलन और तीसरा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन जैसे महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने इन सभी मंचों पर भारत की सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी का आश्वासन दिया.
राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित प्रमुख बहुपक्षीय निकायों में शीघ्र और व्यापक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि उन्हें समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जा सके।
राष्ट्रपति ने फिलेमान यांग द्वारा सतत विकास के लिए विज्ञान और डेटा-संचालित दृष्टिकोण पर जोर देने और उनके समावेशी दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में आयोजित भविष्य के शिखर सम्मेलन में भविष्य के लिए संधि को अपनाने में उनके नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन से प्रेरित होकर संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक दक्षिण के मुद्दों का समर्थन करना जारी रखेगा.
दोनों नेताओं ने भारत और कैमरून के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की, जो पिछले कुछ वर्षों में विशेष रूप से विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में लगातार बढ़े हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अफ्रीका के साथ एक विशेष बंधन साझा करता है और 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
उल्लेखनीय है कि डॉ. जयशंकर के निमंत्रण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमान यांग 4 से 7 फरवरी तक भारत की यात्रा पर हैं. यांग इससे पहले कैमरून के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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