दिल्ली में ऐतिहासिक और प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा तेज हो गई है. हालांकि बीजेपी के सभी नेता एक सुर में यही बात कह रहे हैं कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस बात का फैसला करेगा और वह सभी को स्वीकार्य होगा. पार्टी के पिछले कुछ चुनावों के ट्रेक रिकॉर्ड को देखा जाए तो बीजेपी आलाकमान ने हर बार नए नाम के साथ सबको चौंकाया है. चाहें बात राजस्थान की करें, मध्य प्रदेश की करे या छत्तीसगढ़ और ओडिशा की यहां नए लोगों को ही पार्टी ने मौका दिया है. कुछ ऐसा ही दिल्ली में भी हो सकता है. लेकिन राजधानी की सियासी गलियारों में कई नामों का चर्चा इस समय हो रही है. चलिए आपको बताते हैं सियासी जगत में कौन-कौन से नाम सीएम पद की रेस में आगे चल रहे हैं.
प्रवेश वर्मा- दिल्ली के पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा का नाम इस समय सीएम पद की रेस में सबसे आगे चल रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि उन्होंने नई दिल्ली सीट से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को 4 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है. बता दें प्रवेश शर्मा वेस्ट दिल्ली से दो बार सांसद और एक बार विधायक रह चुके हैं. वह जाट नेता है. बीजेपी उन्होंने सीएम बनाकर दिल्ली देहात के साथ ही वेस्ट यूपी, हरियाणा और राजस्थान को साध सकती है.
वीरेंद्र सचदेवा- दिल्ली बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री बनाए जा सकते है. वो पंजाबी कम्यूनिटी से आते हैं और दिल्ली में पंजाबियों वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है यही कारण कि हर पार्टी पंजाबियों को साधना चाहती है. वहीं वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में ही 27 साल बाद बीजेपी ने दिल्ली में बंपर जीत हासिल की है. यह भी उनके सीएम पद की रेस में आगे रहने का पल्स पॉइंट है.
मनोज तिवारी- बीजेपी के तेजतर्रार नेता मनोज तिवारी पूर्वांचली समाज से आते है और वो भोजपुरी स्टार है. पूर्वांचली उन्हें पसंद करते हैं. दिल्ली में वो जाने-माने चर्चित चेहरों में एक है. यही कारण है कि बीजेपी मनोज तिवारी का नाम सीएम पद के लिए आगे कर सकती है. मनोज तिवारी लगातार 3 बार उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं.
सतीश उपाध्याय- दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय इस बार मालवीय नगर सीट से विधायक चुने गए हैं. इससे पहले वो दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के चेयरमैन और एनडीएमसी के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. उपाध्याय मूलरूप से आगरा के रहने के वाले है.
बांसुरी स्वराज, मीनाक्षी लेखी और स्मृति ईरानी- बीजेपी अगर महिला कैडिंडेट को सीएम पद के लिए चुनती है तो उसमें इन तीनों बीजेपी नेताओं का नाम सबसे आगे चल रहा है. किसी महिला को सीएम बनाकर बीजेपी यह देना का संदेश करेगी कि उन्हें मातृ शक्ति की चिंता है. महिला को सीएम बनाने से जातियों वाले कंपटीशन से बीजेपी को राहत मिल सकती है.
पूर्वाचलियों पर दांव खेल सकती है बीजेपी
दिल्ली के बाद इसी साल नवंबर के महीने में बिहार मे विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसलिए बीजेपी किसी पूर्वाचली पर दांव खेल सकती है. दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान पूर्वांचलियों पर खूब राजनीति हुई. पीएम मोदी ने विजय भाषण में भी खुद को पूर्वांचल का सांसद बताया था. अगर बीजेपी किसी पूर्वांचली को सीएम नहीं बनाती तो डिप्टी सीएम बना सकती है.
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