नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने विभिन्न ओवर-द-टॉप(ओटीटी प्लेटफार्मों) और सोशल मीडिया स्ट्रीमिंग साइटों पर अश्लील सामग्री के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताई है और इस पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है. इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव को चिट्ठी लिख कर इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने पत्र में इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल नियामक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है. आयोग ने कई कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन पर प्रकाश डाला, जिनमें महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम शामिल हैं. ऐसी सामग्री न केवल हानिकारक रूढ़िवादिता को कायम रखती है बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सम्मान के लिए सीधा खतरा भी पैदा करती है.
एनसीडब्ल्यू ने मंत्रालय से सख्त दिशानिर्देश जारी करके त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जो प्लेटफार्मों को स्ट्रीमिंग करने या उपयोगकर्ताओं को अनुचित या अश्लील सामग्री अपलोड करने की अनुमति देने से रोकता है. आयोग ने अधिकारियों से जनता को हानिकारक सामग्री के संपर्क से बचाने के लिए कड़ी सेंसरशिप और सामग्री मॉडरेशन प्रणाली लागू करने का आह्वान किया.
आयोग ने यह भी अनुरोध किया है कि मंत्रालय द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जल्द से जल्द एनसीडब्ल्यू को सूचित किया जाए. एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने दोहराया है कि महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण सुनिश्चित करना सर्वोपरि है और इसे सभी डिजिटल प्लेटफार्मों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार
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