दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को बेहद शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. आम आदमी पार्टी को 70 सीटों में से महज 22 सीटों पर ही जीत मिली है. जबकि बीजेपी ने इस बार 27 साल बाद या यूं कहें 21वीं सदी में पहली बार राजधानी की सत्ता पाई है. वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी, देश की राजधानी में लगातार तीसरी बार अपना खाता तक नहीं खोल पाई है.
वैसे तो राजधानी में आम आदमी पार्टी के हारने के लिए कई कारण है लेकिन विपक्षी दल, आप की हार का सबसे बडा कारण कांग्रेस को बता रहे हैं. इंडी गठबंधन के तमाम नेताओं का कहना है कि अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़े होते तो आज तस्वीर कुछ और होती.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ उमर अब्दुल्ला ने तो चुनाव परिणाम वाले दिन ही एक्स पर पोस्ट किया था, और लड़ों आपस में. वहीं अब ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के लिए कांग्रेस का अड़ियल रुख जिम्मेदार है. अगर कांग्रेस आप के साथ समन्वय बनाकर चलती तो दिल्ली में इस तरह के नतीजे नहीं आते. साथ ही उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव के संदर्भ में अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि अगर आप हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन करती तो वहां पर भी परिणाम अलग हो सकते थे.
पीएम मोदी ने कांग्रेस को बताया परजीवी पार्टी
दिल्ली जीत के बाद पीएम मोदी ने आप और कांग्रेस दोनों पर जमकर हमला बोला. विजय रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस को परजीवी पार्टी बताते हुए कहा था कि इस पार्टी का जो भी हाथ थामता है. उसका बंटाधार तय है. पीएम ने कहा कांग्रेस अपने सहयोगी के एजेंडे चुराकर उनके वोट बैंक में सेंध लगाती है.
इंडी अलायंस टूटने के कगार पर
दिल्ली चुनाव में अगर देखा तो इंडी के घटक दलों ने कांग्रेस से किनारा करते हुए आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार किया था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किराड़ी में अरविंद केजरीवाल के समर्थन में रोड शो तक किया था. आरजेडी, टीएमसी सहित अन्य दलों ने केजरीवाल को ही सपोर्ट किया था. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को अलायंस से बाहर करने की बात तक कह दी थी. अब बेहद मुश्किल ही लगता है कि इंडी अलायंस के सभी दल एक साथ मिलकर रहेंगे.
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