जयपुर: भारत और मिस्र के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास “साइक्लोन” का तीसरा संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हो गया है. यह अभ्यास 11 से 23 फरवरी तक चलेगा. यह एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो बारी-बारी दोनों देशों में आयोजित किया जाता है. इस अभ्यास का पिछला संस्करण जनवरी 2024 में मिस्र में आयोजित किया गया था. अभ्यास में भारतीय सेना की ओर से दो विशेष बल बटालियनों के 25 सदस्य शामिल होंगे. वहीं मिस्र की ओर से भी 25 सदस्यीय दल हिस्सा लेगा, जिसमें मिस्र के विशेष बल समूह और टास्क फोर्स के सदस्य शामिल हैं.
रक्षा प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा के अनुसार अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना, अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाना और विशेष युद्ध संचालन रणनीतियों का आदान-प्रदान करना है. यह अभ्यास उच्च स्तरीय शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा.
इस दौरान दोनों देशों के सैनिक उन्नत विशेष बल कौशल, आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ और विभिन्न सामरिक प्रक्रियाओं का अभ्यास करेंगे. इसमें रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में संचालन के लिए विशेष ड्रिल्स भी शामिल होंगी. अभ्यास के अंत में एक 48 घंटे की मैराथन ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें सैनिकों की क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा. इसके अलावा अभ्यास के दौरान स्वदेशी सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन और मिस्र के रक्षा उद्योग का अवलोकन भी किया जाएगा. यह अभ्यास दोनों देशों के सैनिकों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
साइक्लोन दोनों पक्षों को सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने में सक्षम बनाएगा. यह अभ्यास दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच सहयोग विकसित करने में भी मददगर साबित होगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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